योगीजी बस्ती को भ्रष्टाचार से मुक्त करिए, वरना जनता आपको मुक्त कर देगी!

योगीजी बस्ती को भ्रष्टाचार से मुक्त करिए, वरना जनता आपको मुक्त कर देगी!

योगीजी बस्ती को भ्रष्टाचार से मुक्त करिए, वरना जनता आपको मुक्त कर देगी!

-विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत पोखरनी को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए सुरेश कुमार श्रीवास्तव 20 से 23 जुलाई तक आमरण अनशन पर बैठने जा रहा

-इसकी नोटिस डीएम के जरिए मुख्यमंत्री को 14 जुलाई 25 को भेज दी गई, पोखरनी पहला ऐसा भ्रष्ट गांव होगा जहां के भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक आम आदमी को आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा

बस्ती। भाजपा के आशीष शुक्ल सैनिक ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठकर जो अलख जलाई हैं, वह बुझने वाली नहीं है। भले ही श्रीशुक्ल की तबियत खराब होने के कारण उन्हें पूरी सफलतर नहीं मिली, लेकिन जो आम जनसमर्थन मिला उसे ही सफलता माना जा रहा है। यह अलग बात है, कि अगर भाजपा का पूरा समर्थन मिलता तो सफलता का प्रतिशत अधिक होता है। कहने का मतलब आमरण अनशन को विफल करने में पार्टी के ही कुछ लोगों का हाथ रहा। बहरहाल, श्रीशुक्ल के दिखाए रास्ते पर विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत पोखरनी निवासी सुरेश कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व, नागेंद्रलाल ने मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दी है, कि या तो आप बस्ती को भ्रष्टाचार से मुक्त करिए या फिर स्वंय मुक्त हो जाइए, अगर नहीं हुए तो जनता 2027 में आपको प्रदेश से मुक्त कर देगी। अगर योगी के बारे में गांव का एक आम आदमी ऐसा कह रहा है, तो मान लेना चाहिए कि भाजपा के लिए आने वाला अच्छा नहीं होगा। डीएम के जरिए सीएम को आमरण अनशन का नोटिस भजते हुए कहा है, कि जिस तरह बस्ती में अधिकारी भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहे हैं, उसके विरोध में वह 20 से 23 जुलाई तक आमरण अनषन पर बेैठने जा रहा है। यह भी कहा कि आमरण अनशन के अंतिम दिन यानि 23 जुलाई को वह सीएम के फोटो पर दुग्धभिशेक कर अनशन समाप्त करेगा।

इससे पहले जब सुरेश ने प्रधान के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाया था, तब उसे मारापीटा गया था, प्रधान सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया। सुरेष को इस बात की शिकायत हैं, कि उसकी शिकायत पर जांच अधिकारी कार्रवाई करने के बजाए प्रधान से सौदेबाजी कर लेते है। जिस राजा पोखरनी गांव को भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए, वहीं गांव भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। आप सभी लोगों को जानकर हैरानी होगी  िकइस गांव के भ्रष्टाचारियों के चलते इस गांव को आजादी के बाद से एससी को कोई प्रधान नहीं मिला। यानि यह ग्राम पंचायत आजतक एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ। कहा भी जाता है, कि जिस ब्लॉक का संचालन तीन-तीन नकली प्रमुख करेगें तो पोखरनी जैसे गांव भ्रष्टाचार में डूबेगा ही। इस गांव में खुले आम मनरेगा में फर्जी हाजीरी लगाकर मनरेगा के धन को लूटा जा रहा है, जब इयकी शिकायत साक्ष्य के साथ की जाती है, तो अधिकारी कार्रवाई करने के बजाए खुद भ्रष्टाचार में शामिल हो जाते है। तालाब की खुदाई और सफाई मनरेगा मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराया जाता है, जब इसका वीडियो सुरेश वायरल करता है, तो प्रधान के गुर्गे सुरेश को न सिर्फ अपमानित करते हैं, बल्कि उसके साथ मारपीट करते है। सवाल उठ रहा है, कि जब शिकायतकर्त्ता को मारापीटा जाएगा और मारने पीटने वाले को अधिकारी संरक्षण देगें तो कौन भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि अधिकारी ही नहीं चाहते कि कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए। बहरहाल, आमरण अनशरन पर बैठने वाला सुरेश पूरे सरकार के लिए एक चुनौती बनकर खड़ा है।

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