तीन तरीके के भ्रष्टाचार से छटपटा रहा जिला

तीन तरीके के भ्रष्टाचार से छटपटा रहा जिला

तीन तरीके के भ्रष्टाचार से छटपटा रहा जिला

बस्ती। भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर आवाज उठाने वाले भाकियू भानु गुट के मंडल प्रवक्ता चंदेश प्रताप सिंह हैं, कि जिले के लोग तीन तरह के भ्रष्टाचार की आगे में जल रहे है। इसमें जो व्यक्तिगत होता है उसमे व्यक्ति अकेले शामिल रहता है जिसे आसानी से पहचाना जा सकता या पहचान लिया जाता हैं। संस्थागत भ्रष्टाचार मे निजी व सरकारी दोनों संस्था शामिल रहते हैं इसमें स्वयं सेवी संगठन ट्रस्ट सोसायटी है।ं इसमें सरकारी उपक्रम सहकारी संगठन भी शामिल है, यह बहुत बडा होता है, जिसका जाल भी बहुत बडा फैला है। इस तंत्र से काफी लोग जुड़े होते है जो सभी निहित स्वार्थी होते है। व्यवस्थागत भ्रष्टाचार जो चक्रव्यूह के समान और दुष्चक्र के समान है। इसमंे पूरा समाज धंसा रहता है इस व्यवस्था से जुड़े लोगों सभी शामिल होते है, अमीर से गरीब तक सब कुछ जानकर जुड़े होते है। अंजान व अंधकार के कारण इस व्यवस्था मंे कोई हीरा चोर होता है तो कोई खीरा चोर कोई चिंदी चोर। ऐसी योजनाएं बनाई जाती है जिसके जाल मे शासक प्रशासक नेता व जनता समान रुप से सभी शामिल होते हैं। इसको सामूहिक भ्रष्टाचार कह सकते है। कहते हैं, कि किसान गरीब गांव मजदूर गांव एंव निर्बल की आत्मवेदना की कहानी कौन जानने का प्रयत्न करता है। उनके नाम पर योजनाएं बनती रहती ह,ै बनती रही है और वे वेचारे उस लोक लुभावने योजनाओं व नारों के भ्रम जाल मे फंसते चले आ रहे है। ठीक उसी प्रकार जैसे मंदिरों मंे तमाम प्रकार के व्यंजन छप्पन भोग परोसा जाता है। भोग लगाए जाते है और उसे प्रसाद के रूप मे पुजारी योजनाकार मिल बांट कर खाते है। सरकार रोकना भी चाहे व चाहती है पर यह काम अत्यंत कठिन है। इस व्यवस्था को बदलना आसान नही है, क्यों कि इसमे सरकारी तंत्र नौकरशाही राजनितिक तंत्र सभी जुड़े है। पीएम मोदी इसका समूलनाश करना चाहते थे संकल्पित थ,े लेकिन मोदीजी भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों का कुछ नहीं कर सके पता नहीं कौन मजबूरी उनके समक्ष खड़ी हो गई। विपक्ष खुलकर एकजुट होकर मोदी सरकार का विरोध कर रहा है, वहीं सरकार पक्ष के भ्रष्ट नेता भी गुप्त व मौन विरोध करने मे पीछे नहीं है। आज तक के इतिहास मे जो सरकारें चली व उनके द्वारा चलाई गई वह भय भोग भ्रष्टाचार भ्रांति के बल पर शासन चलाई। दावे के साथ कहते हैं, कि भ्रष्टाचार को न कोई सरकार और न कोई सरकारी तंत्र मिटा पाएगा, यह रोग लाइलाज, इसे सिर्फ और सिर्फ जनता ही मिटा पाएगी। आज जो जनता इस बात से अनभिज्ञ है उसको गहराई से भ्रष्टाचारी दलों की चालांे को समझना होगा भारत के गरीबों किसानों को यह समझाना होगा। इस व्यवस्था विचार के खिलाफ मजबूती के साथ भ्रष्टाचारी व्यवस्था के विरुद्ध एकजुटता पूर्वक खडा होना होगा इसको बडे व्यापकता मे समझना पडेगा।।

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