तहसील दिवस में भी छाई रहीं कुदरहा बाजार की एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि

तहसील दिवस में भी छाई रहीं कुदरहा बाजार की एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि

तहसील दिवस में भी छाई रहीं कुदरहा बाजार की एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि!

-कुदरहा बाजार के भारत अल्टासाउंड सेंटर का भी मामला तहसील दिवस में उठा

-शिकायतकर्त्ता उमेश गोस्वामी ने सीएमओ से कहा कि आखिर पार्वती और अल्टासाउंड वाला कितना चढ़ावा चढ़ाता, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए त्योहारी लेकर चले आतें

-इससे पहले डीएम और एडी हेल्थ से भी दोनों की शिकायत करते हुए जांच करने की मांग उमेश कर चुकें

बस्ती। पत्रकारों, नेताओं और सीएमओ कार्यालय की चहेती कुदरहा बाजार की एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि धीरे-धीरे पूरे जिले में चर्चित होने लगी है। अगर यही चर्चा का सिलसिला जारी रहा है, तो जिले के अन्य स्थानों से भी कुंवारी लड़कियां और शादीशुदा महिलांए एर्बासन के लिए कुदरहा बजार आने लगेंगी। पूरे जिले में पार्वती को चर्चित करने में कुदरहा ब्लॉक के बैसियां कला गावं निवासी उमेश गोस्वामी का बहुत बड़ा योगदान है। जो काम कुदरहा क्षेत्र के धुरंधर पत्रकार अपनी लेखनी से नहीं कर पाए वह काम उमेश ने शिकायत करके कर दिया। बहुत कम लोग हैं, जो आज के दौर में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ना तो दूर की बात शिकायत करना तक चाहते है। हर कोई भ्रष्ट लोगों से बचना चाहता है। जब मीडिया बचने/बचाने लगी तो आम नागरिक से क्या उम्मीद की जाए? जिस कुदरहा में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने पर मारापीटा जाता हो, गले में बेल्ट डालकर लटका दिया जाता हो, अगर उस क्षेत्र में उमेश गोस्वामी जैसा शिकायतकर्त्ता डटा हुआ है, तो बहुत बड़ी बात है। क्षेत्र के लोग भले ही ऐसे लोगों के बारे में चाहें जो भी कहें, वह अलग बात है। क्षेत्र की जनता उमेश जैसा जज्बा, पत्रकारों में भी देखना चाहती है। देखना है, कि क्षेत्र के पत्रकारों का जमीर कब जागता हैं, जागता भी है, कि नहीं? अगर किसी आम व्यक्ति के पास शिकायत करने और षिकायत पर अडिग रहने दोनों हिम्मत हैं, तो ऐसे लोगों का सपोर्ट सभी को करना चाहिए। शिकायत करके पलटना तो बहुत देखे जाते हैं, लेकिन अंजाम तक ले जाने वाले बहुत कम देखे जाते है, और यह सबके बस की बात भी नहीं है। यह जज्बा उसी व्यक्ति के भीतर होता है, जो ईमानदारी से शिकायत करता है।

बहरहाल, डीएम और एडी हेल्थ के बाद उमेश गोस्वामी ने एर्बासन और अवैध डिलीवरी कराने वाली पार्वती अग्रहरि और लिंग परीक्षण करने वाले भारत अल्टासाउंड के मालिक की शिकायत लेकर तहसील दिवस में पहुंचा। वहां पर मौजूद सीएमओ से स्पष्ट कहा कि आखिर पार्वती और अल्टासाउंड वाला कितना चढ़ावा चढ़ाता, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए आप के अधिकारी त्योहारी लेकर चले आतें है। आखिर पार्वती में आप लोगों को ऐसा क्या लगा कि भ्रूण हत्या और एर्बासन करने वाली के प्रभाव में आ जाते है? कहा कि सीएमओ साहब खुले आम पार्वती एर्बासन और डिलीवरी करती है, और भारत अल्टासाउंड में लिंग परीक्षण होता हैं, जिसके चलते भ्रूण हत्याएं तक हो रही है, और आप लोग खामोश है। उमेश के सवाल जबाव से सभी लोग सन्न रह गए। मौजूद किसी ने कहा भी अगर इसी तरह अन्य शिकातकर्त्ता हो जाए तो भ्रष्टाचार तो नहीं लेकिन शिकायतें कम हो जाएगी। देखा जाए तो उमेश कोई क्रांति नहीं लाना चाहता है, और न उसके बस की बात भी है। वह तो यह बताना चाहता है, कि समाज में क्या हो रहा है, पत्रकार क्या कर रहे हैं, और नेता क्यों बुराई के खिलाफ आवाज नहीं उठाते? जब एक शिकायत पर उसे मारापीटा गया और कहा गया कि अगर शिकायत वापस नहीं लिया तो जान से हाथ धोना पड़ेगा, तब उसने कहा कि भले ही चाहें आप हमारी जान लें ले लेकिन शिकायत वापस नहीं लूंगा, जानकर हैरानी होगी कि अंत में उस उमेश से माफी मांगी पड़ी जिसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। सवाल यह है, कि ऐसे कितने लोग हैं, जो जान हथेली पर रखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं?

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