श्रीकृष्णा मिशन में भी मेरे साथ ऐसी घटना हो चुकीःदीपक यदुवंशी

श्रीकृष्णा मिशन में भी मेरे साथ ऐसी घटना हो चुकीःदीपक यदुवंशी

श्रीकृष्णा मिशन में भी मेरे साथ ऐसी घटना हो चुकीःदीपक यदुवंशी

-मानवता गई तेल लेने डाक्टर्स को तो सिर्फ पैसा चाहिए, डाक्टर्स के लिए पैसा ही सब कुछ हो गया, मानवता के नाम पर व्यापार हो रहा, अस्पताल पैसे के लालच में मानवता खो दे रहें

-अस्पतालों ने न सिर्फ मानवता खोया, बल्कि मानवता की हत्या कर दी, योगी के राज में सबकुछ हो सकता, अस्पताल लूट का अडडा बन चुकी, जंगल राज में भी मजा आ रहा, इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकता हैं, मानवता आखिर कहां खो गई

-केडी, जेके और पीएमसी में भी बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए, अगर सरकार सजा नहीं देती तो जनता को बाहर खींचकर सजा देनी चाहिए

-मानवता पैसों के ढ़ेर के नीचे दब गई, अगर डाक्टरों के बच्चों के साथ में ऐसा हो तब इन्हें मालूम होगा कि एक गरीब की पीड़ा क्या होती

-इस सीएमओ के राज में यूंही बच्चे मरते रहेगें, इन्हें भी तो डाक्टर्स की तरह पैसा चाहिए, केडी अस्पताल में सबसे अधिक गोलमाल आयुष्मान कार्ड में हो रहा, सबसे अधिक फर्जी पथरी का आपरेशन इसी अस्पताल में हुआ

-सभी को पैसा चाहिए, पैसे के लिए जितना गिरा जा सकता है, उससे ज्यादा डाक्टर्स गिर रहे, जिले के मरीजों का डाक्टर्स नहीं बल्कि भगवान मालिक

-इंडस्टी में एक नया नाम जुड़ गया, हास्पिटल इंडस्टी, मरे हुए बच्चे को आईसीयू में रखो और पैसा बनाओ

बस्ती। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि आखिर जिले के डाक्टर्स को हो क्या गया है? क्यों यह लोग मानवता खोकर पैसा कमाना चाहते हैं? क्या कुछ डाक्टर्स के लिए पैसा ही सबकुछ हो गया है? केडी अस्पताल की घटना के बाद जो कमेंट सोशल मीडिया पर आ रहे है। उससे लगता है, कि समाज में कुछ लालची डाक्टर्स के प्रति लोगों का कितना रोष है। इतना रोष तो भ्रष्ट नेताओं के प्रति नहीं होगा। अगर कोई यह कहे कि मानवता गई तेल लेने डाक्टर्स को तो सिर्फ पैसा चाहिए, डाक्टर्स के लिए पैसा ही सब कुछ हो गया, मानवता के नाम पर यह लोग व्यापार कर रहे है। तो डाक्टर्स को कैसा लगेगा। डा. एसके गौड़, डा. शर्माजी, डाक्टर रेनू राय और केडी अस्पताल जैसे अन्य अस्पतालों के डाक्टर्स के लिए मानों सबकुछ पैसा ही हो गया है। इन्हें इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैसे के लालच में यह किसी के घर का चिराग बुझा दे रहें है। अस्पतालों ने न सिर्फ मानवता खोया, बल्कि मानवता की हत्या भी कर दी, योगी के राज में सबकुछ हो सकता, अस्पताल लूट का अडडा बन चुका, जंगल राज में भी मजा आ रहा, इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकता हैं? मानवता आखिर कहां खो गई। आवाज उठ रही है, कि केडी, जेके, पीएमसी और शर्माजी के अस्पतालों पर बाबाजी का बुलडोजर चलना चाहिए। अगर सरकार सजा नहीं देती तो जनता को बाहर खींचकर सजा देनी चाहिए। मानवता पैसों के ढ़ेर के नीचे दब गई, अगर डाक्टरों के बच्चों के साथ में ऐसा हो तब इन्हें मालूम होगा कि एक गरीब की पीड़ा क्या होती? इस सीएमओ के राज में यूंही बच्चे मरते रहेगें, इन्हें भी तो डाक्टर्स की तरह पैसा चाहिए, केडी अस्पताल में सबसे अधिक गोलमाल आयुष्मान कार्ड में हो रहा, सबसे अधिक फर्जी पथरी का आपरेशन इसी अस्पताल में हुआ। सभी को पैसा चाहिए, पैसे के लिए जितना गिरा जा सकता है, उससे ज्यादा डाक्टर्स और सीएमओ एवं उनकी टीम गिर रहे, जिले के मरीजों का डाक्टर्स नहीं बल्कि भगवान मालिक हो गएं है। इंडस्टी में एक नया नाम जुड़ गया, हास्पिटल इंडस्टी, मरे हुए बच्चे को आईसीयू में रखो और पैसा बनाओ। अगर हम सारे कमेंट को लिखने लगे तो पूरा अखबार कमेंट से ही भर जाएगा। सैकड़ों कमेंट हो रहे हैं, लेकिन डाक्टर्स के फेवर में शायद ही कोई कमेंट हो रहा, कोई इन्हें बेचारा नहीं कह रहा है, कोई इन्हें अब भगवान का दर्जा देने को तैयार नहीं है। धीरे-धीरे अन्य अस्पतालों की भी पोल पीड़ित खोलने लगें है। दीपक यदुवंशी नामक व्यक्ति ने लिखा कि केडी अस्पताल जैसी घटना मेरे साथ श्रीकृष्णा मिशन में भी हो चुका है। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी ऐसा प्राइवेट अस्पताल नहीं होगा, जहां पर पैसों के लिए मानवता का व्यापार न किया जा रहा है। जब मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में घटना घट सकती है, तो आप सोच सकते हैं, कि डाक्टर्स की लापरवाही का क्या आलम होगा? मीडिया बार-बार चेता रही है, कि सीएमओ का तो कुछ नहीं होगा, लेकिन लापरवाही बरतने वाले प्राइवेट अस्पतालों के लालची डाक्टर्स का बहुत कुछ हो सकता है। जितेंद्र कुमार लिखते हैं, कि केडी अस्पताल जैसे अन्य लापरवाह अस्पतालों को त्वरित सीज करके अस्पताल को सरकार के हवाले कर देना चाहिए, बस्ती में इलाज के नाम पर लूट मची हुई हैं, बहुत ज्यादा बच्चे मर रहे हैं, इन सभी डाक्टर्स को अंदर कर देना चाहिए। हरिनाथ मौर्या लिखते हैं, कि सबसे घटिया केडी अस्पताल है, इस अस्पताल के डाक्टर्स के बस में इलाज करना नहीं रहता फिर भी इलाज के नाम पर आईसीयू में भर्ती कर मरीज के तीमारदारों का खून चूसते है। अधिवक्ता संजीव बाजपेई लिखते हैं, कि सभी डाक्टर्स को पैसा चाहिए, पैसे के लिए जितना गिरा जा सकता है, उससे अधिक यह लोग गिर रहे है। इस देश के मरीजों का भगवान ही मालिक है। गोपाल वर्मा लिखते हैं, कि जिले में आयुष्मान के नाम पर सबसे अधिक लूट केडी अस्पताल में हो रही है। जांच हो जाए तो अच्छे-अच्छे डाक्टर नंगे होते नजर आएगंे। भीष्म पितामह लिखते हैं, कि पैसा किधर से आ रहा है, यह डाक्टर्स के लिए मायने नहीं हैं, मायने यह है, कि चाहें जिस रास्ते से पैसा आना चाहिए। रोविन कुमार लिखते हैं, कि भाई इनका पैसा उपर तक जाता है, इस लिए यह लोग पैसे के लिए बच्चों को मार दे रहे है। अगर इनके बच्चों के साथ ऐसा हो तो इन लोगों को पता चले। सुधीर कुमार सिंह लिखते हैं, कि अधिकतर डाक्टर्स की जमीर ही मर चुकी है। सौरभ मिश्र लिखते हैं, कि अधिकतर डाक्टर्स अर्थ की चाह में अनर्थ किए जा रहे है। अविनाष कुमार लिखते हैं, कि इंडस्टी में एक नया नाम जुड़ गया है, हास्पिटल इंडस्टी डेड बाडी को आईसीयू में रखिए और पैसा बनाइए।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *