रोड़पति को शुक्लाजी ने बना दिया करोड़पति
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 1 August, 2025 21:05
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रोड़पति को शुक्लाजी ने बना दिया करोड़पति
-जिस व्यक्ति के खाते में एक हजार रुपया भी वह व्यक्ति बस्ती, गोरखपुर और बाराबंकी में करोड़ों की जमीन खरीद, यह सारी जमीने शुक्लाजी के टाइम सिटी के चेयरमैन रहते खरीदी गई, पैसा कंपनी का और जमीन का बैनामा लहुरी नामक नौकर के नाम हुआ
-जो जमीन कंपनी के नाम बैनामा होना चाहिए, उसे शुक्लाजी ने सुल्तानपुर के लहुरी पुत्र खुड़भुड़ के नाम बस्ती के गौरया में 28 फरवरी 2015 में 11 लाख की कीमत पर कर दिया
-यह बैनामा संतराम और राम प्रकाश से कराया गया और जो जमीन की चौहद्वी दिखाई गई हैं, वह पष्चिम में टाइम सिटी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का खेत बताया गया
-सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है, कि आखिर निवेशकों को उनका पैसा मिलेगा या नहीं? क्यों कि जब तक शुक्ला अपनों लोगों के नाम खरीदे गए जमीन को कंपनी के नाम नहीं करेगें तब तक निवेशकों का पैसा और प्लाट मिलना आसान नहीं
-अभी जो वर्तमान और पूर्व चेयरमैन के बीच जो लड़ाई चल रही है, वह पूर्व चेयरमैन ने कंपनी का पैसा वापस करने को लेकर हो रही
-मुकदमेबाजी तो दोनों पक्षों की ओर से बहुत हो चुका, अब तो असली लड़ाई कंपनी के पैसे के लिए हो रही, कंपनी तो चल रही है, और निवेषकों के पैसे और उनके मांग के अनुसार जमीने में उनके नाम बैनामे हो रहें
-दावा किया जा रहा है, कि 2010 और 2017 के बीच कंपनी के नाम पर बहुत बड़ा फ्राड किया गया, निवेशकों के पैसे का दुरुपयोग किया गया
बस्ती। किसी रोड़पति को करोड़पति बनाना हो तो कोई टाइम सिटी के पूर्व चेयरमैन शुक्लाजी से सीखे। इन्होंने ऐसे-ऐसे व्यक्ति को करोड़ों की जमीन का मालिक बना दिया, जिसके खाते में एक हजार भी नहीं होगा। इन्हीें में एक नाम है, लहुरी पुत्र खुड़भुड़ निवासी ग्राम धर्मदासपुर तहसील सदर जिला सुल्तानपुर। इन्हें शुक्लाजी का पुराना वफादार माना जा रहा है। पैसा कंपनी का लगा और जमीन लहुरी के नाम खरीदा गया, जबकि जमीन कंपनी के नाम खरीदना चाहिए था। यह जमीन कंपनी के बजाए क्यों लहुरी के नाम खरीदा गया यह सवाल खड़ा हो रहा है। इस व्यक्ति के नाम न सिर्फ बस्ती के गोरया में बल्कि गोरखपुर और बाराबंकी में भी जमीन खरीदा गया। बस्ती के गौरया में लहुरी के नाम जो जमीन खरीदा गया, वह 28 फरवरी 2015 को खरीदा गया, यह जमीन 11 लाख में खरीदा गया। यह बैनामा संतराम और राम प्रकाश से कराया गया और जो जमीन की चौहद्वी दिखाई गई हैं, वह पष्चिम में टाइम सिटी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का खेत बताया गया, यानि कंपनी की जमीन यहां पर और भी है। इसी तरह लहुरी के नाम पर गोरखपुर के डोमनी तहसील सदर में 50 लाख रुपये की जमीन कंपनी के पैसे से 10 जुलाई 2015 में खरीदी गई। यह जमीन नरमा देवी पत्नी भागीरथी से खरीदी गई। इतना ही नहीं रिष्तेदार बृजेश शुक्ल के नाम बाराबंकी में लाखों रुपये की जमीन खरीदी गई, जिसका भुगतान कंपनी के खाते से हुआ। 2022 में दामाद के नाम करोड़ों की जमीन को 29 साल 11 महीने के लिए 8400 में किराए पर दिया गया। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है, कि आखिर निवेशकों को उनका पैसा मिलेगा या नहीं? क्यों कि जब तक शुक्लाजी कंपनी के पैसे से अपनों लोगों के नाम खरीदे गए जमीन को कंपनी के नाम वापस नहीं करेगें तब तक निवेशकों का पैसा और प्लाट मिलना आसान नहीं होगा। अभी वर्तमान और पूर्व चेयरमैन के बीच जो लड़ाई चल रही है, वह पूर्व चेयरमैन से कंपनी का पैसा वापस करने को लेकर हो रही है। मुकदमेबाजी तो दोनों पक्षों की ओर से बहुत हो चुका, अब तो असली लड़ाई कंपनी के पैसे के लिए हो रही, कंपनी तो चल रही है, और निवेषकों के पैसे और जमीने भी उनके नाम बैनामे हो रहें, निवेषकों को वर्तमान चेयरमैन पंकज कुमार पाठक की ओर से नोटिसें भी भेजी जा रही है। कहा जा रहा है, कि लखनऊ आइए और साक्ष्य लाइए, बकाया है, तो जमा करिए, पूरा हो गया हो प्रपत्र जमा करिए और जमीन का बैनामा करवाइए। इस तरह के लगभग 1000 से अधिक निवेशकों को नोटिस भेजा चुका है। दावा किया जा रहा है, कि 2010 और 2017 के बीच कंपनी के नाम और उसके पैसे का दुरुपयोग किया गया।
टाइम सिटी रिटेल प्रोडक्ट प्रा. लि. के निदेशक संतोष सिंह और संतोष कुमार सिंह पुत्र त्रिभुवन सिंह निवासी अंबेडकरनगर बनाम चंद्र प्रकाश शुक्ल एवं लहुरी के नाम पर न्यायालय सिविल जज सी. डि. में चल रहे मुकदमें में निदेशक की ओर से कहा गया हैं, कंपनी एक्ट 2002 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी हैं, कहा गया कि 2017 तक सीपी शुक्ल चेयरमैन के रुप में संपत्ति क्रय और विक्रय करने के लिए अधिकृत है। चेयरमैन रहते इन्होंने कंपनी के पैसे से अपने घनिष्ठ लोगों के नाम खरीदा। इन्होनें पद का दुरुपयोग किया। कहा गया कि इन्होंने जो जमीन गोरया में कंपनी के पैसे से लहुरी के नाम खरीदा उसे कंपनी को वापस करने के लिए बार-बार कहा गया, लेकिन इन्होंने जमीन को कंपनी के नाम हस्तानांतरित नहीं किया। कहा गया कि सीपी शुक्ल और लहुरी ने कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत संपत्ति को हड़पना चाहते हैं, भाग जाना चाहते है। कहा गया है, एक साजिश के तहत कंपनी के पैसे लहुरी के नाम जमीन बैनामा कराया। कंपनी के पैसे जमीन खरीद कर दिखावटी व बनावटी दस्तावेज तैयार किया। कहा गया कि कंपनी के आपत्ति पर जमीन का पंजीकरण यानि दाखिल खारिज नहीं हो सका। कप्तानगंज के रविंद्र सिह राजन लिखते हैं, जब भाजपा के पूर्व विधायक ही जनता के धन पर डांका डालेगें तो भगवान ही बचाए जनता को... गजब के अच्छे दिन...। विवेक नरायन त्रिपाठी तुलसी लिखते हैं, कि विनाश काले विपरीत बुद्वि चोर लुटेरा शुक्लाजी बाबा कार्रवाई कब करेगें, क्या हछ़पे गए धन से सरकार के तंत्र खरीद वुके है। कितने काले कारनामें हैं आपके शुक्लाजी, क्या बाबा के बुलडोजर में जंग लग गई, चोर-चारे मौसेरे भाई, जनता को लूटो, लूटे गए पैसे से पद लो, फिर और जोरों से लूटो, धन्य हैं, बस्ती की बीजेपी। खून पसीने की कमाई आप को ले डुबेगी।
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