पहले धान घोटाला, फिर सचिवों की फर्जी नियुक्ति घोटाला
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 17 July, 2025 20:45
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पहले धान घोटाला, फिर सचिवों की फर्जी नियुक्ति घोटाला
-करोड़ों के धान घोटाले के सूत्रधार रहे डीआर और एआर पर लगा फर्जी सचिवों की नियुक्ति करने का आरोप
-सहकारी समितियों के कैडा सचिवों के सेवानिवृत्ति के बाद एक साजिश के तहत बैक डेटिगं के जरिए फर्जी तरीके से लेखाकार सहायक दर्शा कर फर्जी नियुक्ति की गई
-इस फर्जी नियुक्ति में बड़े पैमाने पर लेन-देन सामाने आ रहा है, सेवा नियमावली के विरुद्व की गई नियुक्ति की विशेष एजेंसी से जांच करनाने की मांग जिला सहकारी बैक के चेयरमैन राजेंद्रनाथ तिवारी ने सभी को पत्रलिखकर की
-विशेष रुप से बस्ती जनपद में की गई फर्जी नियुक्तियों की उच्च स्तरीय एवं ज्ञवंतत्र एजेंसी से जांच कराने पर जोर दिया गया
-दोषी अधिकारियों एवं लिप्त कर्मचारियों के विरुद्व कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने और दोषियों का वेतन जांच पूरी होने तक तत्काल स्थगित किया जाए
-कहा गया कि सेवा नियमों का खुलेआम अनदेखी की गई, कोई वैध प्रकिया नहीं अपनाई गई, कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया
-इस प्रकार की अनियमितता न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हैं, बल्कि यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला गंभीर अपराध भी, इससे संस्था की साख प्रभावित होती, योग्य एवं पात्र बेरोजगार युवकों के भविष्स पर भी कुठाराघात
बस्ती। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि आखिर ऐसे डीआर और एआर को क्यों बार-बार विभाग और विभागीय मंत्री अभयदान दे रहे हैं, जिनके चलते न सिर्फ करोड़ों के धान का घोटाला हुआ, बल्कि सचिवों के फर्जी नियुक्ति में भी इनकी भूमिका। भ्रष्टाचारियों को बचाने में सबसे अधिक आरोप विभागीय मंत्री पर लग रहा है। इन पर यह भी आरोप लग रहा है, कि जब इनके पास ब्रीफकेस पहुंच जाता है, तो यह भ्रष्टाचारियों के सारे गुनाह को माफ कर देते है। वरना पीसीएफ के आरएम और डीएस पर कार्रवाई हो सकती है, तो क्यों नहीं डीआर और एआर पर हुई? कहा भी जाता है, जब तक मंत्री के पास ब्रीफकेस पहुंचता रहेगा तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी, कार्रवाई तभी होगी, जब योगीजी मंत्री राठौर के विभाग को छीन लेगें। पूरा प्रदेश परेशान हैं, कि आखिर डीआर और बस्ती के एआर के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है? क्या यह दोनों सरकार से उपर है? अगर राठौर के स्थान पर कोई दूसरा मंत्री होता तो कब की कार्रवाई हो गई होती। स्थानीय प्रशासन भी हैरान है, कि डीआर और एआर के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है?
पीएम, सीएम, विभागीय मंत्री और सीडीओ को लिखे पत्र में राजेंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि सहकारी समितियों के कैडर सचिवों के सेवानिवृत्ति के बाद एक साजिश के तहत बैक डेटिगं के जरिए फर्जी तरीके से लेखाकार सहायक दर्शा कर सचिवों की फर्जी नियुक्ति की गई। इस फर्जी नियुक्ति में बड़े पैमाने पर लेन-देन भी हुआ। सेवा नियमावली के विरुद्व की गई नियुक्ति की विशेष एजेंसी से जांच कराने की मांग करने वाले जिला सहकारी बैक के चेयरमैन राजेंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि विशेष रुप से बस्ती जनपद में की गई फर्जी नियुक्तियों की उच्च स्तरीय एवं स्वंतत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों एवं लिप्त कर्मचारियों के विरुद्व कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने और दोषियों का वेतन जांच पूरी होने तक तत्काल स्थगित किया जाए, कहा गया कि सेवा नियमों का खुलेआम अनदेखी की गई, कोई वैध प्रकिया नहीं अपनाई गई, कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया। कहा कि इस प्रकार की अनियमितता से न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हैं, बल्कि यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला गंभीर अपराध भी, इससे संस्था की साख प्रभावित होती, योग्य एवं पात्र बेरोजगार युवकों के भविष्य पर भी यह कुठाराघात है। कहा कि डीआर और एआर भारी लाभ लेकर सेवा नियमावली के विपरीत फर्जी तरीके से एक समिति के कर्मचारी को दूसरी समिति में अमेलित कर दिया। कहा कि अपने कार्यकाल में डीआर और एआर ने न जाने कितनी ऐसी नियुक्ति की और कितने सेवानिवृत्ति हो रहे प्रभारी सचिवों के लड़कों की नियुक्ति कर दी।
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