कई महिलाओं को मौत के मुहाने पहुंचा चुकी ननद और भौजाई!

कई महिलाओं को मौत के मुहाने पहुंचा चुकी ननद और भौजाई!

कई महिलाओं को मौत के मुहाने पहुंचा चुकी ननद और भौजाई!


-ननद और भौजाई के आगे बड़े-बड़े एमबीबीएस डाक्टर्स फेल, ननद और भोैजाई के हाथ का लिखा हुआ दवाओं का पर्चा हुआ वायरल, पीएचसी कुदरहा को डाक्टर नहीं दोनों ननद और भौजाई चला रही

-ननद अगर किसी गर्भवती महिला को 15 दवाएं लिखती है, तो भौजाई एक दर्जन, इनके हाथ का लिखा हुआ कोई भी पर्चा ऐसा नहीं जो 15 सौ से कम का हो, 100 फीसद कमीशन वाले सीरप अधिक लिखती

-बैसिया कला के उमेश गोस्वामी के शिकायत पर एमओआईसी सुमन चौधरी और सुनीता चौधरी का थमाया नोटिस

-संविदा वाली स्टाफ नर्स सुमन चौधरी और सुनीता चौधरी यह दोनों हजारों की दवा बाहर की लिखती है, और चहेते मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने को भेजती, स्टाफ भेजकर दवा का पर्चा वापस भी मंगा लेती और फाड़ देती, ताकि पकड़ी न जा सके, लेकिन इस बार मेडिकल स्टोर्स वाले ने दोनों का पर्चा वायरल कर दिया

-पहले यह ननद-भौजाई पीएचसी बनरहा में अटैच थी, जहां पर दोनों की मनमानी की शिकायत पर हटाकर पीएचसी कुदरहा कर दिया गया, यहां पर आते ही ननद और भौजाई बनरहा वाला आंतक मचाना शुरु कर दिया

-यह दोनों कुदरहा से सटे बहादुरपुर ब्लॉक की मूल निवासी हैं, लोकल होने के नाते कोई इन दोनों की मनमानी के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता

बस्ती। सरकार और सीएमओ को तो त्वरित कुदरहा पीएचसी से सभी एमबीबीएस डाक्टर्स को वापस बुला लेना चाहिए, क्यों कि यहां पीएचसी का सचंालन सुचारुप से सविंदा वाली ननद और भौेजाई कर रही है, अनेक गर्भवती महिलाओं का कहना है, कि जितनी अच्छी दवा ननद और भौजाई लिखती है, उतना अच्छा डेढ़ लाख वेतन पाने वाला कोई डाक्टर्स नहीं लिख पाएगा। यही कारण है, कि क्षेत्र की महिलांए डेढ़ लाख वेतन पाने वाले सभी डाक्टर्स को वापस बुला लेने की मांग सरकार और सीएमओ से कर रही हेैं। कहती है, कि भले ही 12-15 दवाएं लिखती है, और भले ही चाहें इनकी दवाओं से कई महिलाएं मौत के मुहाने पर जा चुकी है, फिर भी यह दोनों मेडिकल स्टोर्स वालों और एमओआईसी की चहेती बनी हुई है। इन दोनों की बदौलत मेडिकल स्टोर्स तो मालामाल हो जा रहे हैं, लेकिन गरीब महिलाओं के परिजन कर्जदार होते जा रहे है। जो काम एक दो दवा से लग सकता है, उसके लिए 15-15 दवाएं इस तरह लिख रही है, जैसे किसी बनिया को सामानों की सूची दी जाती हो। जितना अधिक उवाएं और सीरप लिखेगी उतना अधिक ननद और भौजाई का कमीशन बनेगा। यह बात पीएचसी के डाक्टर्स और सीएचसी के एमओआईसी अच्छी तरह जानते है। एमओआईसी और डाक्टर्स क्यों खामोश हैं, यह लिखने की नहीं बल्कि समझने की बात है। देखा जाए तो गरीब मरीज को सभी मार रहे हैं, डाक्टर्स से लेकर फार्मास्स्टि तक  स्टाफ नर्स से लेकर मेडिकल स्टोर्स तक, जैसे ही मरीज पीएचसी और सीएचसी पहुंचता/पहुंचती हैं, वैसे ही लोग टूट पड़ते है। पैथालाजी जांच कराने से लेकर अल्टासाउंड तक कराने तक मरीज अपने आपको सरकारी अस्पताल में ठगा सा महसूस करता है। रही सही कसर आशाएं पूरी कर देती है। कहना गलत नहीं होगा गरीबों का मरीज बनना अभिशाप सा लगने लगता है। बहुत कम ऐसे डाक्टर्स और अन्य स्टाफ होगें जो गरीबों की सेवा करना अपना धर्म समझते होगें। वरना कई तो ऐसे हैं, जो मरीज के मरने के बाद भी आईसीयू में भर्ती कर परिजन का खून चूसने लगते है।

बहरहाल हम बात कर रहें हैं,चर्चित ननद और भौजाई की। इन दोनों के आगे बड़े-बड़े एमबीबीएस डाक्टर्स फेल है। पैसा कमाना तो किसी डाक्टर्स को इन दोनों से सीखना चाहिए।  ननद और भोैजाई के हाथ का लिखा हुआ दवाओं का पर्चा हुआ वायरल हुआ है। जिससे पता चलता है, कि पीएचसी कुदरहा को डाक्टर नहीं दोनों ननद और भौजाई चला रही हैं। ननद अगर किसी गर्भवती महिला को 15 दवाएं लिखती है, तो भौजाई एक दर्जन, इनके हाथ का लिखा हुआ कोई भी पर्चा ऐसा नहीं जो 15 सौ से कम का हो, 100 फीसद कमीषन वाले सीरप अधिक लिखती है। संविदा वाली स्टाफ नर्स सुमन चौधरी और सुनीता चौधरी यह दोनों हजारों की दवा बाहर की लिखती है, और चहेते मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने को भेजती, स्टाफ भेजकर दवा का पर्चा वापस भी मंगा लेती और फाड़ देती, ताकि चोरी पकड़ी न जा सके, लेकिन इस बार मेडिकल स्टोर्स वाले ने दोनों का पर्चा को वायरल कर दिया। पहले यह ननद-भौजाई पीएचसी बनरहा में अटैच थी, जहां पर दोनों की मनमानी की शिकायत पर हटाकर पीएचसी कुदरहा कर दिया गया, यहां पर आते ही ननद और भौजाई बनरहा वाला आंतक मचाना शुरु कर दिया। यह दोनों कुदरहा से सटे बहादुरपुर ब्लॉक की मूल निवासी हैं, लोकल होने के नाते कोई इन दोनों की मनमानी के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता।

बैसिया कला के उमेष गोस्वामी के शिकायत पर एमओआईसी सुमन चौधरी और सुनीता चौधरी को थमाया नोटिस। कहा और माना जाता है, कि जैसा मुखिया रहेगा वैसा उसका स्टाफ भी रहेगा। अगर मुखिया ईमानदारी से काम करेगा तो स्टाफ भी ईमानदारी से काम करेगा, लेकिन अगर मुखिया ही बेईमानी से काम करेगें तो उनका स्टाफ भी बेईमानी ही काम करेगा। इसे कुदरहा पीएचसी के संविदा वाली स्टाफ नर्स सुनीता चौधरी और सुमन चौधरी दोनों ने सच भी साबित कर दिया। इन दोनों ने यह साबित कर दिया कि अपने बास एमओआईसी गायघाट के बताए हुए रास्ते पर यह दोनों चल रही है। यानि जो आरोप एमओआईसी पर लग रहा है, वही आरोप ननद और भौजाई पर भी लग रहा है। इन दोनों की षिकायत सीएम हेल्प लाइन पर करते हुए दोनों का तबादला दूर दराज के गौर और सांउघाट करने के साथ ही इनके द्वारा बिना अथारिटी के दवा लिखने की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है। शिकायतकर्त्ता का कहना है, कि जब तक ननद और भौजाई को दूर दराज के पीएचसी या सीएचसी में नहीं भेजा जाएगा, तब तक यह दोनों गरीब मरीजों का खून चूसती रहेगीं। वैसे चहेते मेडिकल स्टोर्स वाले और एमओआईसी कभी नहीं चाहेगें कि ननद और भोैजाई की जोड़ी अलग हो। वैसे ननद और भौजाई ने जा स्पष्टीकरण का जबाव दिया, उसमें लिखा है, कि न जतो बाहर की दवांएं लिखती है, और न किसी मरीज या तीमारदार से कोई सुविधा शुल्क ही लिया जाता है, यह भी लिखा है, अगर जांच में साबित हो गया तो कोई भी दंड भुगतने के लिए दोनों तैयार है। दोनों पर्चा यह बताता है, कि दोनों झूठ बोल रही है, और शिकायतकर्त्ता को ही झूठा साबित करने का प्रयास कर रही।

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