जातीय गणना के बाद बम फूटेगा और सवर्ण आसमान में चले जाएगें!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 12 July, 2025 20:04
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जातीय गणना के बाद बम फूटेगा और सवर्ण आसमान में चले जाएगें!
-महिला, दलित, दहेज एवं यौन उत्पीड़न की धाराएं विरोधियों को परास्त करने का हथियार बन गया
-अगर कोई निर्दोष साबित होता है, तो कानून को स्वतः संज्ञान में लेकर आरोप लगाने वाले को दो गुना सजा देनी चाहिए
-अगर जाति कर बात कोई नेता कहता है, तो उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, मुझे केवल राजपूत तक सीमित न करें बड़ी तकलीफ होतीःबृजभूषण शरण सिंह
बस्ती। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह जब भी कोई बयान देते हैं, भूचाल आ जाता है। जनता इनके बयानों को बहुत ही गंभीरता से लेती है। क्यों कि यह जो भी कहते हैं, वह यथार्थ के करीब रहता है। कुछ दिन पहले इन्होंने कहा था कि आज का एमपी और एमएलए डीएम का पैर छूतें हैं। इस एक बयान ने चैनल की टीआरपी तो रातों रात बढ़ गई, साथ ही पूरे प्रदेश में इस बयान को लेकर खूब चर्चा हुई, और बयान के तह में जाने के लिए लोगों को मजबूर दिया। यह कटाक्ष इन्होंने योगीजी को ध्यान में रखकर किया था, क्यों कि योगी के राज में जितना बेलाम अधिकारी हुए हैं, उतना आज तक किसी भी सरकार में नहीं रहे। बकौल, बृजभूषण शरण सिंह आज के एमपी और एमएलए की ऐसी स्थिति हो गई कि उन्हें अपना करवाने के लिए डीएम स्तर के अधिकारी का पैर छूकर आर्शिवाद लेना पडता। आज जो इन्होंने बयान दिया, उसकी भी खूब चर्चा हो रही है, क्यों कि कहीं न कहीं लोग महिला, दलित, दहेज एवं यौन उत्पीड़न की धाराओं से पीड़ित है। इनका कहना है, कि आज यही तीन धाराएं विरोधियों को परास्त करने के लिए हथियार के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है। चूंकि खुद यह भुक्तभोगी रह चुके हैं, इस लिए इनके बयानों में वह दर्द भी छिपा रहा, जिसके चलते इनकी छवि को नुकसान पहुंचा, और लोकसभा के टिकट से वंचित होना पड़ा। इसी लिए इन्होंने कहा अगर कोई निर्दोष साबित होता है, तो कानून को स्वतः संज्ञान में लेकर आरोप लगाने वाले को दो गुना अधिक सजा देनी चाहिए। जोर देकर कहा कि तीनों धाराओं को समाप्त करने पर सरकार को विचार करना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में कोई इन धाराओं का दुरुपयोग करके विरोधियों को परास्त करने का मंशूबा बना सकता है। कहते हैं, कि ऐसे भी जनपद हैं, जहां पर एक-एक दिन में इन तीनों धाराओं में 20-20 मुकदमें दर्ज हो रहें है। देश के अधिकांश संभा्रत लोग इन तीन धाराओं की चपेट में आकर कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं, कई तो निर्दोष होने के बाद भी जेल में जमानत होने का इंतजार कर रहें हैं, कईयों का चरित्र और कैरियर तक बर्बाद हो गया। बड़ी बेबाकी से कहा कि अगर कोई नेता जाति की बात कहता है, तो उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, कहा कि मैं केवल राजपूत तक ही सीमित रहकर नहीं रहना चाहना। जाति-पाति की बात करने वाले नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि इसका खामियाजा आज नहीं तो कल उन नेताओं को भुगतना पड़ेगा, जो जाति की बात करके जाति को बढ़ावा देते है। जाति की राजनीति करने वालों से सवाल किया जा रहा है, कि मान लीजिए अगर आपके या फिर आपके परिवार के किसी सदस्य को खून की आवष्यकता पड़ती है, तो क्या आप यह कहेंगे कि यादव वाला खून लाना या फिर पंडितजी वाला खून लाना। अगर यादव और पंडितजी वाला खून नहीं मिला तो क्या तब भी आप जाति की बात करेगें, और क्या अपने लोगों को खून के अभाव में मरने देगें।
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