जितेंद्र सिंह हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास

जितेंद्र सिंह हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास

जितेंद्र सिंह हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास

-गब्बर, पीयूष, आकाश, विक्की, सनी एवं पुनीत पाल को आजीवन कारावास, अमित कुमार सिंह उर्फ छोटू, वीरेंद्र बहादुर पाल उर्फ बब्बू पाल, टुनटुन पाल एवं विशाल पाल रिहा

-एडीजे प्रथम शिवचंद्र ने बहु प्रतीक्षित जितेंद्र सिंह हत्याकांड में सुनाया एतिहासिक फैसला

न्यायालय ने किया, दस में से छह को आजीवन और चार को रिहा करने का आदेश दिया, यह मुकदमा सरकार बनाम वीरेन्द्र बहादुर पाल उर्फ बब्बू पाल आदि के नाम से चल रहा

-घटना दो जनवरी 2022 दिन रविवार को दोपहर 3.30 बजे विकास खण्ड बनकटी के भाजपा नेता रघुनाथ सिंह के छोटे भाई जितेंद्र सिंह के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें सहारा हास्पिटल मे इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी

बस्ती। एडीजे प्रथम शिवचंद्र ने बहु प्रतीक्षित जितेंद्र सिंह हत्याकांड में एतिहासिक फैसला सुनाया। दस में से छह को आजीवन और चार को रिहा करने का आदेष दिया, यह मुकदमा सरकार बनाम वीरेन्द्र बहादुर पाल उर्फ बब्बू पाल आदि के नाम से चल रहा, घटना दो जनवरी 2022 दिन रविवार को दोपहर 3.30 बजे विकास खण्ड बनकटी के भाजपा नेता रघुनाथ सिंह के छोटे भाई जितेंद्र सिंह के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें सहारा हास्पिटल मे इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। इसमें गब्बर पाल, पीयूष पाल, आकाश पाल, विक्की पाल, सनी पाल एवं पुनीत पाल को आजीवन कारावास और अमित कुमार सिंह उर्फ छोटू, वीरेंद्र बहादुर पाल उर्फ बब्बू पाल, टुनटुन पाल एवं विशाल पाल रिहा करने का आदेश दिया गया। पुलिस विवेचना में कुल दस मुल्जिमानों का नाम आया था, गब्बर पाल, पीयूष पाल, आकाश पाल, बिक्की पाल, सन्नी पाल, पुनीत पाल, टुनटुन पाल, विशाल पाल, अमित कुमार सिंह उर्फ छोटू एवं वीरेंद्र बहादुर पाल उर्फ बब्बू पाल का सामने आया। इन सभी के जेल जाने के एक साल बाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दी जाती है। जिसमे वादी मुकदमा रामायण सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिट प्रस्तुत की जाती है, और सुप्रीम कोर्ट आठ लोगों की जमानत निरस्त करके वापस जेल भेजने का आदेश देती है। जिसके बाद डे बाई डे सुनवाई किया गया और 28 अगस्त 2025 को दोनों पक्षों का बहस समाप्त होने के बाद नौ सितंबर 25 को फैसला आया।

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