जेल जाने को तैयार रहें 15 समितियों के सचिव और रिटेलर्स!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 28 July, 2025 20:40
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जेल जाने को तैयार रहें 15 समितियों के सचिव और रिटेलर्स!
-इन समितियों के सचिवों और रिटेलर्स ने 24-25 की अपेक्षा अप्रैल से 24 जुलाई 25 तक अप्रत्याषी तरीके से 963 फीसद अधिक खाद बेचा, सबसे अधिक फर्जीवाड़ा बी. पैक्स मझौवा बाबू हर्रैया के सचिव देवेंश सिंह ने किया, इन्होंने 14 एमटी के सापेक्ष 154 एमटी खाद बेचा
-बी.पैक्स परसरामपुर के सचिव ष्याम नरायन वर्मा ने 493 फीसद अधिक खाद बेचा, 27 एमटी के सापेक्ष 160 एमटी बेचा, इन्होंने नेवादा समिति के रुप में 19 एमटी के सापेक्ष 108 एमटी यूरिया बेचा
-बरदिया कुंवर हर्रैया के सचिव अजय कुमार वर्मा ने 31 एमटी के सापेक्ष 153 एमटी बेचा, एआर ने इन्हें नई समिति सांयकालीन परसा जाफर का फिर सचिव बना दिया
-परासडीह बहादुरपुर समिति के सचिव चंद्रभूषण सिंह के नाम 15 एमटी के सापेक्ष 115 एमटी, सदर के कटरा बुजुर्ग के सचिव नंद किशोर ने 30 के सापेक्ष 124 एमटी और हर्रैया समिति के सहसरांव के सचिव अजीत सिंह ने 122 एमटी के सापेक्ष 211 एमटी यूरिया को बेचा
-केंद्रीय उपभोक्ता भंडार पूरा ने 91 एमटी अधिक, पीसीएफ एफएससी पुरैना ने 107 एमटी, आईएफएफसी सेहरिया ने 107, चित्राखोर गंगोरीने 93 एमटी, एग्री जंक्षन बरौगी ने 173 फीसद अधिक, चौधरी खाद भंडार 957 फीसद यानि 14 के सापेक्ष 131 एमटी और केबीएसके कलवारी ने 292 फीसद यानि 131 एमटी यूरिया बेचा
-खाद की कालाबाजारी की जांच के लिए शासन ने बनाई टीम, बस्ती जनपद की जांच यूपीसीएलडीएफ के एमडी सतीशचंद्र मिश्र और अपर निदेशक गेहूं एवं मोटा चावल जगदीश कुमार भटट करेगें
-टीम किसानों के जोतबही और स्थलीय जांच करेगी, अगर किसी किसान ने रक्बा से अधिक फर्जी तरीके से खाद खरीदा तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगा, टीम किसानों और जनप्रतिनिधियों से भी मिलेगी, ताकि खाद की कालाबाजारी का पताचल सके
-किसानों को बेचे गए खाद की रसीद की भी जांच होगी, अगर खाद के साथ टैगिगं करके बेचा गया तो उसकी भी जांच होगी, अधिक दाम पर बेचे गए खाद की भी टीम जांच करेगी
-सरकार का मानना हैं, कि अप्रत्याशित खाद की बिक्री के बाद भी जिले में किसानों को एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा
-खाद की अप्रत्याशी बिक्री और कालाबाजारी के लिए पूरी तरह एआर और जिला कृषि अधिकारी को किसान जिम्मेदार मान रहें
बस्ती। आखिर प्रशासन क्यों नहीं मीडिया की रिपोर्ट को गंभीरता से लेती? धान की खरीद में भी मीड़िया रही कि एआर, डीआर, पीसीएफ और सचिव मिलकर घोटाला कर रहे हैं, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, क्यों नहीं दिया यह बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है? अगर मीडिया की रिपोर्ट को प्रशासन संज्ञान में लेता तो धान का इतना बड़ा घोटाला सिर्फ मंडल में न होता। बस्ती का नाम जिस तरह घोटाले के कारण चर्चा में रहता है, उसे किसी भी हालत में एक अच्छा प्रशासन नहीं माना जा सकता। धान की तरह मीडिया खाद की कालाबाजारी के बारे में प्रशासन को निरंतर आगाह करता आ रहा है, लेकिन यहां पर भी प्रशासन ने मीडिया की आवाज को एक तरह से अनसुना या फिर दबा दिया। जिसका नतीजा धान घोटाले के बाद खाद घोटाला में भी नाम आ गया। इसे संज्ञान में लेकर प्रमुख सचिव ने खाद की कालाबाजारी की जांच के लिए यूपीसीएलडीएफ के एमडी सतीषचंद्र मिश्र और अपर निदेशक गेहूं एवं मोटा चावल जगदीश कुमार भटट की टीम बनाई है। यह हाईपावर जांच टीम यूंही नहीं बनाई, आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि बस्ती में ऐसी-ऐसी बी. पैक्स की समिति हैं, जिसके सचिवों और रिटेलर्स ने 24-25 की सापेक्ष अप्रैल से 24 जुलाई 25 तक 963 फीसद अप्रत्याशित रुप से यूरिया की ब्रिकी किया। इसकी चपेट में सात समितियों के सचिव और केद्रीय उपभोक्ता भंडार कुल 15 रिटेलर्स आ रहें है। 963 फीसद अधिक खाद बेचा, सबसे अधिक फर्जीवाड़ा बी. पैक्स मझौवा बाबू हर्रैया के सचिव देवेंश सिंह ने किया, इन्होंने 14 एमटी के सापेक्ष 154 एमटी खाद बेचा, यानि 139 एमटी खाद अधिक बेचा, यानि अधिक कालाबाजारी किया, कालाबाजारी करने का यह अब तक का रिकार्ड रहा। इतना खाद कहां गया, षायद सचिव को भी नहीं मालूम होगा, उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में किन-किन किसानों खाद बेचा। जब इनका सामना टीम से होगा तो इनकी सारी कालाबाजारी निकल जाएगी, फिर इन्हें आका एआर और डीआर भी शायद न बचा पाएं। बी.पैक्स परसरामपुर के सचिव श्याम नरायन वर्मा ने 493 फीसद अधिक खाद बेचा, 27 एमटी के सापेक्ष इन्होने 160 एमटी बेचा, इन्होंने न सिर्फ परसरामपुर में खाद बेचने का रिकार्ड बनाया बल्कि नेवादा समिति के सचिव के रुप में भी इन्होंने फर्जीवाड़ा किया। एआर साहब इनकी कालाबाजारी के रिकार्ड को देखते हुए इन्हें दो समिति का सचिव बना दिया, तोकि अधिक से अधिक खाद की कालाबाजारी करके इनका बखरा दे सकें। ऐसे हैं, जिले के एआर। 19 एमटी के सापेक्ष 108 एमटी यूरिया बेच डाला। बरदिया कुंवर हर्रैया के सचिव अजय कुमार वर्मा ने 31 एमटी के सापेक्ष 153 एमटी बेचा, एआर ने इन्हें सांयकालीन समिति परसा जाफर का भी सचिव बना दिया। ताकि दिन में बरदिया कुंवर और सांय को परसाजाफर में कालाबाजारी कर सके। परासडीह बहादुरपुर समिति के सचिव चंद्रभूषण सिंह के नाम 15 एमटी के सापेक्ष 115 एमटी, सदर के कटरा बुजुर्ग के सचिव नंद किषोर ने 30 के सापेक्ष 124 एमटी और हर्रैया समिति के सहसरांव के सचिव अजीत सिंह ने 122 एमटी के सापेक्ष 211 एमटी यूरिया बेचा। धान घोटाले में चर्चा में आए केंद्रीय उपभोक्ता भंडार पूरा ने 91 एमटी अधिक, पीसीएफ एफएससी पुरैना ने 107 एमटी, आईएफएफसी सेहरिया ने 107, चित्राखोर गंगोरीने 93 एमटी, एग्री जंक्षन बरौगी ने 173 फीसद अधिक, चौधरी खाद भंडार 957 फीसद यानि 14 के सापेक्ष 131 एमटी और केबीएसके कलवारी ने 292 फीसद यानि 131 एमटी यूरिया बेचा। इन सचिवों ने टक का टक खाद की कालाबाजारी कर दिया। एआर और जिला कृषि अधिकारी देखते रह गए, और इन लोगों ने खाद की कालाबाजारी में रिकार्ड बना दिया। यह दोनों अधिकारी वसूली में मस्त रहे और किसान एक-एक खाद की बोरी के लिए परेशान रहा।
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