गन्ना लोडिगं के नाम पर लिए जा रहे सौ रुपया
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 1 February, 2025 18:21
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गन्ना लोडिगं के नाम पर लिए जा रहे सौ रुपया
-बिना पंजीयन के टाला पर ढ़ोया जा रहा गन्ना, राहगीरों के जान का खतरा, सड़के टूट रही
-बीसीएम ग्रुप बभनान के गेट पर ही हो रही गन्ने की घटतौली, मिल खुद घटतौली करवा रहा
-एआरटीओ की मिली भगत से सरकार को हो रहा लाखों का चूना, गन्ना समिति के चेयरमैनों की भूमिका पर उठे सवाल
-वाल्टरगंज, गौर मार्ग, सोनहा गौर मार्ग, हर्रैया बभनान मार्ग, परसरामपुर, कलवारी, रामजानकी मार्ग, रुधौली बस्ती मार्ग, बनकटी, महादेवा मार्ग पर बिना पंजीयन के ओवरलोडिगं टालों से गन्ना की ढुलाई हो रही
-भाकियू भानु गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने डीएम को लिखा पत्र और उनसे किसानों का शोषण रोकने की उठाई मांग
बस्ती। किसान उन गन्ना समिति के धुंरधर चेयरमैनों की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं, जो चेयरमैन बनने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया, पूछ रहे हैं, कि आखिर यह लोग किस लिए चेयरमैन बने हैं, जब किसानों का कदम-कदम आर्थिक शोषण हो रहा है। खुले आम गन्ना क्रय तौल केंद्रों पर किसानों से लोडिगं के नाम पर सौ रुपये लिए जा रहे हैं, मिल गेट पर ही घटतौली हो रही हैं, आखिर किसान कब तक मिलों और क्रय केंद्र प्रभारियों के शोषण का शिकार होते रहेगें, क्यों नहीं यह लोग एकजुट होकर मिलों के खिलाफ आवाज उठाते? क्यों कि घटतौली और लोडिगं के नाम पर लिए जा रहे पैसे के खिलाफ मिल प्रबंधन और जिला गन्ना अधिकारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते? अनेक किसानों का कहना और मानना हैं, कि जब चेयरमैन मिलों के हाथ की कठपुतली बनकर रह जाएगें तो फिर आवाज कौन उठाएगा। कहते हैं, कि सभी किसान जानते हैं, कि चेयरमैन किस लिए बना जाता है। जबतक चेयरमैन मिलों और स्वंय हित में काम करते रहेंगे तब तक किसानों का षोषण बंद नहीं होगा। कदम-कदम पर किसान ठगे जा रहे हैं, फिर भी किसानों की नुमादंगी करने वाले मिल प्रबंधन के लोगों के साथ में चाय नाष्ता और भोजन कर रहे है। जिले में जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक और सचिवों की क्या भूमिका होती हैं, आज तक जिले का किसान समझ नहीं पाया। किसानों की शिकायतें अधिकारियों और मिलों से नहीं हैं, क्यों कि यह लोग तो अपना लाभ देखते हैं, इनकी शिकायत उन गन्ना समितियों के चेयरमैन से हैं, जो कहते तो अपने आप को बड़े धुंरधर, लेकिन जब किसान हित की बात आती है, यह भीगी बिल्ली बन जाते है। इन लोगों का भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज ना उठाना इनकी भूमिका और भी संदेह बना देता है।
बहरहाल, अगर चेयरमैनों ने किसी मजबूरी में आवाज नहीं उठा रहे हैं, तो किसानों की आवाज भाकियू भानु गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने उठा कर उन चेयरमैनों को आइना दिखाया जो चेयरमैन के नाम पर मलाई काट रहे हैं। इन्होंने डीएम को पांच बिंदुओ पर ध्यान आकर्षित करते हुए कार्रवाई करने की मांग की हैं,ताकि किसानों का शोषण ना हो और राजस्व की चोरी बंद हो सके। इन्होंने लिखा कि बिना पंजीयन के टाला पर गन्न्ने की ढुलाई हो रही हैं, जिसके चलते सड़के तो खराब हो ही रही हैं, साथ राहगीरों के लिए जान का खता हो गया, इसी तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं, बड़ेबन में तो एक व्यक्ति की जान तक जा चुकी है। इन गाड़ियों की ओवरलोडिगं देख राहगीर अपने आप सड़क छोड़कर यह सोचकर दूर चले जाते हैं, कि अगर कहीं पलट गया तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। बड़ेबन जैसी व्यस्त जगह पर बराबर पुलिस चौेकी के सामपे से टाला पर गन्ना जाता है, लेकिन इन्हें कोई रोकने वाला नहीं, भले ही चाहें इनके नीचे आकर किसी की मौत ना हो जाए, सबको दिखाई देता हैं, लेकिन पुलिस और एआरटीओ को दिखाई नहीं देता। बताया कि बिना पंजीयन के वाल्टरगंज, गौर मार्ग, सोनहा गौर मार्ग, हर्रैया बभनान मार्ग, परसरामपुर, कलवारी, रामजानकी मार्ग, रुधौली बस्ती मार्ग, बनकटी, महादेवा मार्ग पर ओवरलोडिगं टालों से गन्ना की ढुलाई हो रही, ढ़ोया जा रहा गन्ना, राहगीरों के जान का खतरा, सड़के टूट रही है।
बताया कि बीसीएम ग्रुप बभनान के गेट पर ही गन्ने की घटतौली हो रही हैं, मिल खुद घटतौली करवा रहा है। लिखा कि भले ही गन्ना मूल्य भुगतान में बभनान चीनी मिल अपनी पीठ थपथपा रही हैं, लेकिन मिल के क्रय केंद्र और मिल गेट पर हो रही घटतौली को नहीं रोक पा रहे है। आनलाइन में घटतौली करना अब तो आम बात हो गई है। खुले आम किसानों से लोडिगं के नाम पर सौ रुपया लिया जाता हैं, जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक और सचिव जानते हुए भी चुप है। सबसे अधिक हैरानी चेयरमैनों के चुप रहने से हो रही है। इन्होंने किसानों का भुगतान ना करने वाली बजाज हिंदुस्तान सुगर मिल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कहा कि गन्ना खरीद अधिनियम एवं टैगिंग आदेषों का पालन नहीं हो रहा। क्रय क्रेद्रों पर नल, नाद, विमस्केल, जंजीर लगा यार्ड रजिस्टर की उपलब्धता को सुनिष्चित करने की मांग की है। अगर इसी तरह की मांग सभी गन्ना समितियों के चेयरमैन मिलकर एक साथ करे तो कार्रवाई होगी, लेकिन इन लोगों का यह डर लगा रहता हैं, कि उनके आका मिल वाले कहीं नाराज ना हो जाए, नहीं तो उनकी दुकानें बंद हो जाएगीं।
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