फेल हो गए भाजपा के सूरमा चुनाव अधिकारी
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 22 January, 2025 23:00
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फेल हो गए भाजपा के सूरमा चुनाव अधिकारी
-इनके अनुभवहीनता, पार्टी के रीति, नीति और सिद्वांत की जानकारी के अभाव के कारण जिले की हुई बदनामी, मंडल अध्यक्षों का चुनाव नहीं हो सका
-जो चुनाव अधिकारी फेल हुए उनमें किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडेय, जिला मीडिया प्रभारी अमृत वर्मा, राजकुमार शुक्ल, भ्रष्टाचार में रिकार्ड बनाने वाले अष्वनी उपाध्याय, जिला मंत्री चंदशेखर मुन्ना, जिला उपाध्यक्ष केडी चौधरी, जिला मंत्री अखंड प्रताप सिंह, मंडल प्रभारी अरविंद पाल, प्रमुख अनिल दूबे, केके दूबे, मानस भूषण सिंह, आशीष शुक्ल, राकेश शर्मा, सुरेंद्र सिंह,
-पास होने वालों में जिलाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग ब्रहृमदेव यादव उर्फ देवा, प्रमुख अभिषेक कुमार, विधामणि सिंह, बालकृष्ण तिवारी उर्फ पिंटू, दुष्यंत विक्रम सिंह, अनूप खरे, सुनील सिंह, कुंदन लाल वर्मा, देवेंद्र सिंह, जगदीश शुक्ल, वैभव पांडेय का नाम शामिल
-फेल होने वाले कई ऐसे हैं, जो जिलाध्यक्ष के दावेदार हैं
-इसी चुनाव अधिकारी वाली सूची पर सवाल उठाते हुए रविंद्र गौतम ने पाटभर्् को लिखा था, कि जिसे पार्टी के ककहरा का भी ज्ञान नहीं और किसी केअ मनई तनई को चुनाव अधिकारी बना दिया गया
-इस सूची पर जिला चुनाव अधिकारी शंकर लाल लोधी, जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, जिला सह चुनाव अधिकारी राम सिंगार ओझा और जिला सह चुनाव अधिकारी आंनद सिंह कलहंस का हस्ताक्षर
बस्ती। हालांकि मंडल अध्यक्ष का चुनाव हो गया, लेकिन जिन कारणों से यह चुनाव पूरे प्रदेश में सुर्खियों में रहा और जिसके चलते जिले की बदनामी हुई, वह है, अनुभवहीन और पार्टी के रीति, नीति और सिद्वांत की जानकारी ना रखने वालों को चुनाव अधिकारी बना देना। जिसके चलते 26 में से सिर्फ 12 मंडल अध्यक्षों का चुनाव हो सका, यानि मंडल गठन का मानक ही जिला पूरा नहीं कर पाया, हालांकि चुनाव 21 पर कराए जाने की बात कही जा रही है। ऐसे-ऐसे लोगों को चुनाव अधिकारी बना दिया गया, जिनके पास संगठन के चुनाव का अनुभव ही नहीं, कैसे चुनाव कराया जाता है, और किन-किन प्रक्रिया को पूरा किया जाता है, तक की जानकारी नहीं थी, तभी तो भाजपा के पूर्व महामंत्री रविंद्र गौतम ने पार्टी को पत्र लिखकर सूची पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी हित में इसकी जांच कराकर पुनः सूची जारी करने की अपील की, लेकिन पार्टी ने पत्र का कोई संज्ञान नहीं लिया, ऐसा लगता है, कि पत्र को रददी की टोकरी में जिम्मेदारों ने डाल दिया, कार्रवाई भले ही ना हुई हो, लेकिन आवाज उठाकर श्री गौतम अवष्य चर्चा में रहें, यह इनका दुभागर््य रहा कि इनका किसी अन्य ने साथ नहीं दिया, वरना कार्रवाई अवष्य होती। एक भी पूर्व जिलाध्यक्षों ने भी इनका साथ नहीं दिया, बाहर चिल्लाते थे, कि सूची गलत जारी की गई, लेकिन लिखकर देने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ, सिवाय रविंद्र गौतम के। वैसे इससे पहले भी पार्टी हित में गलत चीजों का विरोध करते हुए यह कई बार सुझाव दे चुके है। इन्होंने पत्र में जिसकी संभावना जताई थी, बाद में वही सच साबित हुआ। महादेवा पहला ऐसा विधानसभा क्षेत्र रहा, जहां पर सभी पांचों मंडल का चुनाव हुआ। भले ही चाहें कुदरहा मंडल विवादित रहा, जहां पर एक सामान्य को ओबीसी बना दिया गया। इनमें बहादुरपुर में देवेंद्र सिंह, कलवारी में कुंदन लाल वर्मा, महसों में दुष्यंत विक्रम सिंह, कुदरहा में सुनील सिंह एवं बनकटी में अनूप खरे चुनाव अधिकारी रहे। इसी लिए इन लोगों को पास होने वाला चुनाव अधिकारी कहा जाता है। जो अन्य चुनाव अधिकारी पास हुए, उनमें रुधौली विधानसभा के एक मात्र चुनाव अधिकारी ब्रहृमदेव उर्फ देवा यह रुधौली मंडल के चुनाव अधिकारी रहे। बस्ती सदर से भी एक मात्र सफल चुनाव अधिकारी जगदीश शुक्ल रहे, यह साउंघाट मंडल के चुनाव अधिकारी रहे। कप्तानगंज विधानसभा में पांच में से चार मंडल अध्यक्ष का चुनाव हुआ, इनमें गौर में राकेश शर्मा, कप्तानगंज में विधामणि सिंह, दुबौलिया में प्रमुख अभिषेक कुमार एवं हरदी में चुनाव अधिकारी बाल कृष्ण तिवारी उर्फ पिंटू रहें, इसी तरह सफल चुनाव अधिकारियों में हर्रैया विधानसभा क्षेत्र के विशेष्वरगंज मंडल के चुनाव अधिकारी वैभव पांडेय रहे।
जिन लोगों का नाम असफल चुनाव अधिकारियों में शामिल हैं, उनमें हर्रैया विधानसभा क्षेत्र के मखौड़ाधाम के आशीष शुक्ल, परसरामपुर के जिलाध्यक्ष किसान मौर्चा के दिलीप पांडेय, हर्रैया के राजकुमार शुक्ल एवं विक्रमजोत के मीडिया प्रभारी अमृत वर्मा, कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के परसा मंडल के चुनाव अधिकारी सुरेंद्र सिंह, रुधौली विधानसभा क्षेत्र के रामनगर के अष्वनी उपाध्याय इन्हें प्रदेश में सबसे अधिक मनरेगा घोटाला वाले गांव गांव खोरिया, सोनहा में जिला महामंत्री चंद्रशेखर मुन्ना, सल्टौआ में जिला उपाध्यक्ष/लोकसभा सयोंजक केडी चौधरी यह जिलाध्यक्ष के भी दावेदार है। पकरीजई में जिला मंत्री अखंड प्रताप सिंह एवं हनुमान गंज में पूर्व संगठन मंत्री विधार्थी परिशद/पूर्व विधानसभा संयोजक मानस भूषण राम त्रिपाठी का नाम षामिल है। बस्ती सदर विधानसभा क्षेत्र के मुंडेरवा में मंडल प्रभारी अरविंद पाल, गनेशपुर में प्रमुख अनिल दूबे, बस्ती सदर में जिला मंत्री कुंवर आनंद सिंह एवं बस्ती नगर में कृष्ण कुमार दूबे। सूची देखकर आप लोगों को लग गया होगा, कि यह सूची किसी विशेष व्यक्ति के ईशारे पर बनाई गई, इनमें एक भी वरिष्ठ भाजपा नेता का नाम शामिल नहीं है। एक भी पूर्व जिलाध्यक्ष का नाम शामिल नहीं। इस सूची पर जिला चुनाव अधिकारी शंकर लाल लोधी, जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, जिला सह चुनाव अधिकारी राम सिंगार ओझा और जिला सह चुनाव अधिकारी आंनद सिंह कलहंस का हस्ताक्षर।
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