डा. साहब भूल जाइए कि आप का बच्चा पीएमसी में मरा भी था!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 9 July, 2025 20:26
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डा. साहब भूल जाइए कि आप का बच्चा पीएमसी में मरा भी था!
-जब आप के सीएमओ, संगठन और पुलिस ही आप का साथ नहीं दे रही है, तो आप और आपकी पत्नी को न्याय मिलेगा कैसे?
-जो जांच सात दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी, वह जांच 14 दिन बीत जाने पर भी एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी
-क्या कप्तानगंज के एमओआईसी डा. अनूप कुमार चौधरी के बच्चे की मौत की चिंता सीएमओ और पीएमएस को नहीं?
-क्या डाक्टर के बच्चे की मौत से बढ़कर पैसा हो गया? अगर यही मौत सीएमओ के बच्चे की हुई होती, तब भी क्या वह इसी तरह खामोष रहते?
-सीएमओ साहब याद रखिए आज एमओआईसी का बच्चा पीएमसी के डा. रेनू राय की लापरवाही के कारण मरा कल को एसीएमओ का बच्चा भी लापरवाही से मर सकता? तब आप क्या करेगें?
-डाक्टर अनूप चौधरी और उनकी पत्नी यह सोच-सोच परेशान हैं, कि जब एक सरकारी डाक्टर के साथ सीएमओ और जांच टीम ऐसा कर सकती है, तो एक आम नागरिक के साथ कैसा होता होगा?
-पैसे में कितनी ताकत होती है, आज यह बात एमओआईसी को समझ में आ गया होगा, पैसा तो इनके पास भी बहुत होगा, लेकिन क्या पैसे से यह डा. रेनू राय को सजा दिलवा सकतें?
-आज सीएमओ, पुलिस और जांच टीम मैनेज हुई हैं, कल को डाक्टर साहब भी मैनेज हो सकते हैं, क्यों कि उन्हें भी सीएमओ के अंडर में नौकरी जो करनी
-जो पीएमसी अब तक सील हो जाना चाहिए और बच्चे के मौत के जिम्मेदार डा. रेनू राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए, उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई
बस्ती। सवाल उठ रहा है, कि क्या कप्तानगंज के एमओआईसी डा. अनूप कुमार चौधरी और उनकी पत्नी को यह भूल जाना चाहिए, कि उनके बच्चे की मौत पीएमसी के डा. रेनू राय की लापरवाही के कारण हुई? क्या पति और पत्नी को यह भी भूल जाना चाहिए कि सीएमओ और उनकी जांच टीम उन दोनों को कभी न्याय नहीं दिला पाएगें? एक सरकारी डाक्टर के बच्चे की मौत पीएमसी जैसे बड़े नर्सिगं होम में डाक्टर की लापरवाही के चलते हो जाती है, और पूरा प्रशासनिक अमला और सीएमओ खामोश हैं, ऐसे में सवाल उठ रहा है, कि जब सरकारी डाक्टर को न्याय नहीं मिल सकता तो एक आम पीड़ित मरीज को न्याय कैसे मिलेगा? यह सवाल मीडिया का नहीं बल्कि डाक्टर दंपति का है। डाक्टर को इस लिए न्याय नहीं मिल रहा है, क्यों कि वह सरकारी डाक्टर हैं, और नियमों से बंधे हुए हैं, यह बच्चे की बाडी को सड़क पर रखकर डाक्टर के खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते, मीडिया के पास नहीं जा सकते, अपनी पीड़ा को खुलकर बयां भी नहीं कर सकते? अगर इनके स्थान पर कोई और मरीज होता तो कब का पीएमसी सील हो गया होता और एफआईआर भी दर्ज हो गया होता। डाक्टर साहब जब आप के सीएमओ, पीएमएस संगठन और पुलिस ही आप का साथ नहीं दे रही है, तो आप और आपकी पत्नी को न्याय मिलेगा कैसे? जो जांच सात दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी, वह जांच 14 दिन बीत जाने पर भी एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी, सवाल यह भी उठ रहा है, कि क्या कप्तानगंज के एमओआईसी डा. अनूप कुमार चौधरी के बच्चे की मौत की चिंता सीएमओ और पीएमएस को नहीं? क्या डाक्टर के बच्चे की मौत से बढ़कर पैसा हो गया? अगर यही मौत अगर सीएमओ के बच्चे की हुई होती, तब भी क्या वह इसी तरह खामोश रहते? सीएमओ साहब याद रखिए आज एमओआईसी का बच्चा पीएमसी के डा. रेनू राय की लापरवाही के कारण मरा कल को एसीएमओ का बच्चा भी लापरवाही से मर सकता? तब आप क्या करेगें? डाक्टर अनूप चौधरी और उनकी पत्नी यह सोच-सोच परेशान हैं, कि जब एक सरकारी डाक्टर के साथ सीएमओ और जांच टीम ऐसा कर सकती है, तो एक आम नागरिक के साथ कैसा होता होगा? पैसे में कितनी ताकत होती है, आज यह बात एमओआईसी को समझ में आ गया होगा, पैसा तो इनके पास भी बहुत होगा, लेकिन रेनू रास जितना नहीं होगा, फिर भी यह क्या पैसे से डा. रेनू राय के खिलाफ कार्रवाई करवा पाएगें? यहां पर सिर्फ और सिर्फ पैसे का ही खेल हो रहा है। कहा भी जा रहा है, कि पैसे के कारण ही डाक्टर अनूप को या तो बैकफुट पर जाना पड़ सकता है, या फिर यह मैनेज हो सकते, क्यों कि नौकरी तो इन्हें सीएमओ के अंडर में ही करनी है, और जब तक सीएमओ नहीं चाहेंगे तब तक पीएमसी वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती। जांच कभी भी पूरी नहीं हो सकती अगर हो भी गई तो पीएमसी वाले निर्दोश साबित होेगें, और यह सबकुछ पैसे के चलते ही संभव होगा। इस लिए बार-बार कहा जाता है, कि पैसे में बहुत बड़ी ताकत होती हैं। सीएमओ पर राजनेैतिक दबाव से भी इंकार नहीं किया जा सकता। चूंकि मामला सरकारी डाक्टर है, इस लिए पूरी तरह मैनेज करना या फिर गोल कर देना आसान नहीं। सरकारी डाक्टरों के हितों की लड़ाई लड़ने वाला इनका संगठन पीएमएस का खामोश रहना हैरान करने वाली बात है। लगता है, कि यह भी सीएमओ के दबाव में आ गएं है। वैसे भी यह संगठन नाम का ही रह गया, किसी को पता ही नहीं होगा कि इस संगठन के अध्यक्ष और मंत्री कौन है। सोशल मीडिया के जरिए जिले भर के लोग पीएमसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।
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