डा. एके चौधरी तो निकले खिलाड़ियों के खिलाड़ी

डा. एके चौधरी तो निकले खिलाड़ियों के खिलाड़ी

डा. एके चौधरी तो निकले खिलाड़ियों के खिलाड़ी!

-डाक्टर साहब बताइए जब आप 2017 तक संतकबीरनगर में तैनात रहे तो कैसे 2016 में रुधौली सीएचसी के मेडिकल इंचार्ज बन गए

-इन्हें सपाई माना जाता है, और इनके संबध सपा के सांसद और विधायक से हैं, जिनके संरक्षण में 90 फीसद अल्टासाउंड सेंटरों से महीना वसूली हो रही

-इनकी पूरी नौकरी बस्ती और संतकबीरनगर में बीत गई, ऐसा लगता है, मानो इनपर तबादला नीति लागू नहीं होता

-भाकियू भानु गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने इनकी शिकायत डिप्टी सीएम एवं हेल्थ मंत्री से करते हुए तत्काल तबादला करने और उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की

बस्ती। ऐसा लगता मानो कि पूरे जिले में सरकारी डाक्टर्स लूटपाट मचाए हुए है। इनकी गिनती सबसे अधिक भ्रष्टाचारियों में होती है। भ्रष्टाचारियों में इनका नाम क्यों न हो जब इनके आका खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए है। जिले के एमओआईसी के भ्रष्टाचार का दास्तां तो रोज पढ़ रहे होगें, अब मुख्यालय पर तैनात डाक्टरों की कारस्तानी भी जान लीजिए। हम आपको जिले भर के अल्टासाउंड सेंटरों की देखरेख करने वाले और पीसाीपीएनडीटी के इंचार्ज डा. एके चौधरी के बारे में बताते है। इन्हें सपाई माइंडेड तो कहा जाता है, लेकिन इनपर सपा के सांसद और विधायक का भी हाथ होना बताया जाता है। वैसे भी चुनाव के दौरान यह सपाईयों की हर तरह से मदद करते रहते हैं, जिनका ॅफल भी इन्हें मिलता है। इन पर सबसे बड़ा सवाल यह है, कि जब इनकी तैनाती 2015 से 2017 तक संतकबीरनगर में रही तो यह कैसे इस बीच 2016 में रुधौली के मेडिकल इंचार्ज बन गए। पिछले सीएमओ के घोटाले के यह हमराज भी रहे। यह अलग बात है, कि सरकारी गवाह बनने के बाद यह बच गए, वरना करोड़ों के भुगतान में इनकी भी सहमति रही। बहरहाल, वर्तमान समय में इनकी कमाई का सबसे बड़ा साधन जिले भर के अल्टासाउंड से मिलने वाले महीना से है। जिले में यह लगभग 15 साल से जमे हुए हैं, लेकिन इन पर तबादला नीति लागू ही नहीं होता, कारण जिस तरह एमओआईसी सीएमओ के टेबुल पर तीन लाख पटक आते हैं, ठीे वहीं काम यह भी करते हैं, चूंकि यह सीएमओ के सभी गलत/सही मामलों और भुगतान के हमराज होते हैं, इस लिए और भी यह सीएमओ के करीब और चहेते बने रहते है, और जिस पर सीएमओ का हाथ हो उसका क्या कहना? भाकियू भानु गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने इनकी शिकायत डिप्टी सीएम एवं हेल्थ मंत्री से करते हुए तत्काल तबादला करने और उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। कहा कि मान सम्पदा की त्रुटियों को देखते हुए इनका बस्ती से तबादला आवष्यक है। यही शिकायत प्रमुख सचिव चिकित्सा और महानिदेशक चिकित्सा से भी की गई।

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