डा. एके चौधरी को 10 हजार दीजिए चाहें जितना भ्रूण हत्या-लिंग परीक्षण करिए!

डा. एके चौधरी को 10 हजार दीजिए चाहें जितना भ्रूण हत्या-लिंग परीक्षण करिए!

डा. एके चौधरी को 10 हजार दीजिए चाहें जितना भ्रूण हत्या-लिंग परीक्षण करिए!

-यह रेट किसी और नहीं बल्कि पीसीपीएनडीटी एवं छोला छाप डाक्टरों का प्रभार लिए डा. एके चौधरी का, यह छोला छाप डाक्टरों से पांच हजार लेते

-इनके संरक्षण में न जाने कितने अल्टासाउंड सेंटर में भ्रूण हत्या और लिगं परीक्षण का खेल हो रहा है, गए थे यह कुदरहा बाजार के भारत अल्टासाउंड की जांच करने, जाने से पहले यह अल्टासाउंड और एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि को, नतीजा अल्टासाउंड वाला बंदकर भाग गया और जिस जगह की जांच करनी थी, वहां नहीं किया

-नगर पंचायत रुधौली में इनका एक नीजि नर्सिगं होम भी है, जो पंजीकृत ही नहीं हैं, इनका घर रुधौली तहसील से मात्र 10 किमी. की दूरी पर, इन्हें सांसद और कप्तानगंज के विधायक की करीबी माना जाता

-यह खुद वसूली नहीं करते, बल्कि वसूली का धन सीएमओ कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी गरिमा चौधरी के पास जाता

-इसकी शिकायत भाकियू भानु गूट के दुबौलिसा ब्लॉक अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने डिप्टी सीएम/ हेल्थ मिनिस्टर बृजेश पाठक से करते हुए जांच करने और डा. एके चौधरी के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने की मांग की

बस्ती। जिले में अगर किसी बिना पंजीकरण के अल्टासाउंड सेंटर चलाना हैं, और भ्रूण हत्या  एवं लिंग परीक्षण के जरिए करोड़पति बनना हैं, तो वह डिप्टी सीएमओ डा. एके चौधरी से मिल सकता है। इनसे और इनके वसूली अधिकारी गरिमा चौधरी से मिलने के बाद यकीन मानिए आप निराष नहीं होगें, बशर्ते आप को हर माह इन्हें 10 हजार का फीस देना होगा, इसके बाद आप चाहें जितना गलत काम करें, आप का कोई पत्रकार भी कुछ नहीं कर पाएगा, इसी तरह अगर किसी झोला छाप डाक्टर को अपनी दुकान चलानी है, तो बिना पांच हजार महीना दिए नहीं चला सकते। अगर किसी पत्रकार ने किसी अल्टासाउंड वाले की शिकायत कर दी तो यह जाते अवष्य हैं, लेकिन बता कर जाते हैं, ताकि 10 हजार महीना देने वाला दुकान बंदकर कहीं चला जाए। ऐसा ही एक मामला दो-तीन पहले कुदरहा बाजार का सामने आया, बैसिया कला के उमेश गोस्वामी ने भारत अल्टासाउंड और एर्बासन विशेषज्ञ पार्वती अग्रहरि की तहसील दिवस में शिकायत कर दी। यह अल्टासाउंड एक युवा पत्रकार का है, और पार्वती अग्रहरि का कारोबार भारत अल्टासाउंड पर निर्भर है। यानि दोनोकं का अवैध कारोबार एक दूसरेे पर निर्भर है। इस अल्टासाउंड और पार्वती अग्रहरि के यहां न जाने कितने एर्बासन और भूण हत्याएं होती है। अगर किसी को लिगं परीक्षण कराना है, तो उसे उसकी भारी कीमत देनी पड़ेगी, और अगर किसी को एर्बासन कराना है, तो उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पूरे क्षेत्र में पत्रकार और एर्बासन विशेषज्ञ की जोड़ी खूब मशहूर है। अब आप समझ सकते हैं, कि कुदरहा के पत्रकार पैसा कमाने के लिए किस स्तर तक जा सकते हैं। सरकार जिसे अपराध मानती है, उसे पत्रकार का अल्टासाउंड वैध ठहराता है। पत्रकार और हत्यारे में क्या अंतर है। लाखों रुपया लगाकर अगर गैरकानूनी काम ही पत्रकार को करना था इससे अच्छा परचून की दुकान खोल लेते, कम से कम मेहनत और इज्जत की रोटी तो खाने को मिलती।

शिकायत में कहा गया कि डा. एके चौधरी सपाई हैं, और यह चुनाव में सपा की मदद पैसे और वोट से करते है। यह पिछले 15-16 सालों से बस्ती में तैनात है। इनका घर बस्ती और सिद्धार्थनगर बार्डर पर है। कहा कि इनके संरक्षण में झोला छाप डाक्टर और अवैध अल्टासाउंड संचालित हो रहे है। इसके लिए यह प्रत्येक अल्टासाउंड से 10 हजार और झोला छाप डाक्टर से पांच हजार महीना लेते है। महीने में यह 10 से 15 लाख अवैध रुप से कमाते है। कहा कि सपा सांसद और विधायक के दम पर इनके द्वारा अनैतिक कार्य एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है, इस लिए इनका तबादला किसी अन्य जनपद में कर दिया, ताकि योगी और मोदी की बदनामी न हो।

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