बजंर की जमीन पर खड़ा कर दिया मदरसा

बजंर की जमीन पर खड़ा कर दिया मदरसा

बजंर की जमीन पर खड़ा कर दिया मदरसा


-कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी को यहां के प्रबंधक हाजी मुनीर अली प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते, जब चाहा जिसे निकाल दिया, जब चाहा अपने बेटे के नाम बंजर जमीन का पटटा करवा दिया, और जब चाहा मदरसे में कब्रिस्तान बनवा दिया

-भाजपा के राजेंद्रनाथ तिवारी ने डीएम को पत्र लिखकर ग्राम समाज की जमीन पर बने अवैध मदरसे एवं कब्रिस्तान पर बाबा का बुलडोजर चलाने की मांग की

बस्ती। यह सही है, कि कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी को यहां के प्रबंधक हाजी मुनीर अली प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं, तभी तो यह अपने पांच दामाद को नौकरी पर रखवा दिया, छठें दामाद को नौकरी पर रखने के लिए गुलाम हुसैन को तीसरी बार बर्खास्त कर दिया। इनकी मनमानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि इन्होंने अपने बेटे के नाम बंजर जमीन का पटटा करवा दिया, मदरसे में कब्रिस्तान बनवा दिया, मदरसा का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है।

बहरहाल, भाजपा के राजेंद्रनाथ तिवारी ने डीएम को लिखे पत्र में ग्राम समाज की जमीन पर बने अवैध मदरसे एवं कब्रिस्तान पर बाबा का बुलडोजर चलाने की मांग की है। लिखे पत्र में कहा गया हैं, कि पूरे प्रदेश में ग्राम समाज/बंजर की जमीन पर अवैध कब्जे हटाने का कार्य चल रहा है। कहा कि इसी तरह कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी के प्रबंधक हाजी मुनीर अली बनाम सरकार में यह सिद्व हो चुका हैं, मुनीर अली ने समाज की जमीन पर जो तालाब के नाम दर्ज हैं, अवैध कब्जा कर मदरसा बना लिया। जबकि तालाब पर कोई भी निर्माण नहीं हो सकता। जगह-जगह बुलडोजर की कार्रवाई भी हो रही है, पर, कप्तानगंज के इस मदरसे को किन कारण अभयदान मिला हुआ हैं, जनता जानना चाहती है। कहा कि यह बहुत चिंता का विषय हैं। कहा कि गाटा संख्या 394 पर तालाब की जमीन पर मदरसे का अवैध कब्जा, सारे नियम कानून तोड़कर किया गया। इतना ही नहीं मदरसे के चहार दीवारी के अंदर कब्रिस्तान बना दिया, अवैध रुप से लड़कों के स्कूल में लड़कियों को पढ़ाया जाता और मदरसे के सामने बंजर के नाम 28 एआर की जमीन हैं, उसमें से पांच एअर जमीन को हाजी ने अपने प्रभाव और पैसे का इस्तेमाल करके अपने बेटे अनवार अहमद के नाम पटटा करवा दिया।

नाना हाजी मुनीर ने अपने नाती को ही बर्खास्त कर दिया!

कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी के प्रबंधक हाजी मुनीर अली को किसी तानाशाह से कम नहीं माना जाता है। यह अपने पैसे के बल पर जो चाहा वह किया, पांच दामाद की नियुक्ति जक करवा दिया, छठें दामाद की नियुैिक्त में रोड़ा बने गुलाम हुसैन को एक बार नहीं तीन-तीन बार बर्खास्त कर दिया, फिर भी छठें दामाद की नियुक्ति नहीं करवा पाए, कहते हैं, कि भले ही चाहे कितनी बार बर्खास्त करना पड़े करुगां, भले ही चाहे निमय कानून को तोड़ना ही पड़े। इनकी तानाशाही का अंदाजा दस बात से भी लगाया जा सकता है, कि इनके गुलाम मुस्तफा ने अपनी मर्जी से निगाह कर लिया, गुस्साए हाजी ने नाती को ही बर्खास्त कर दिया। यह हाजी के सबसे बड़े दामाद बहारशाह के पुत्र है। मुतक आश्रित के रुप में नाती की नियुक्ति हुई थी। चार साल ही नौकरी कर पाया था, कि नाना ने नाती को ही बर्खास्त कर दिया।

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