अध्यक्ष, एएमए और सदस्यों का मामला एसपी तक पहुंचा
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 16 February, 2025 13:55
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अध्यक्ष, एएमए और सदस्यों का मामला एसपी तक पहुंचा
बस्ती। पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष, एएमए और जिला पंचायत सदस्यों का मामला प्रशासनिक अधिकारियों से होते हुए पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा। चार साल के कार्यकाल में पहली बार महिला सहित अन्य सदस्यों ने अध्यक्ष और एएमए पर जातिसूचक, गाली गलौज करने और जान से मार देने का आरोप लगाते हुए दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इससे पहले यह लोग कमिशनर और डीएम से मिलकर उन्हें ज्ञापन दे चुके है। एसपी को लिखे पत्र में सदस्यों ने आरोप लगाया कि जब उन लोगों ने पिछले वित्तीय सयाल के कार्रवाई रजिस्टर को पढ़ने की मांग किया तो अध्यक्ष और एएमए ने जाति सूचक कहकर महिला सदस्यों का अपमान करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे। जिससे सदस्य अपने आपको अपमानित महसूस किया, और दोनों से अपने जान का खतरा बताया। सदस्यों ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने की अपील की। जिन सदस्यों ने आरोप लगाया, उनमें सुरेश, गीता देवी, नीरा सिंह, उर्मिला, अमृता सिंह, ज्योति सिंह, प्रियंका यादव, गुड़िया देवी, खुशबू जायसवाल, कुमारी यादव, कंचन, राजबहादुर, मो. खुर्षीद, नौसाद अहमद, असलम खां, अबुबेर, शंकर प्रसाद यादव, राजेश पटेल, जवाहरलाल, शिवशंकर चौधरी, जटाशंकर सिंह एवं गिल्लम चौधरी का नाम शामिल।
गिल्लम बताए कि पहले क्यों समर्थन किया, और अब क्यों विरोध कर रहेंःअध्यक्ष
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने विरोधी गुट की अगुवाई करने वाले जिला पंचायत सदस्य गिल्लम चौधरी से सवाल करते हुए पूछा है, कि बताइए इससे पहले वाले बैठक में क्यों आप सभी ने मेंरा समर्थन किया था, और अब क्यों मेरा इतना विरोध कर रहे है। पहले मे अंदर क्या अच्छाई देख्कर समर्थन किया और अब कौन सी बुराई देख लिया कि विरोध करने लगे। कहा कि सदस्य हमारे परिवार के हैं, और टुनफुन होना स्वाभाविक हैं, इसका मतलब यह नहीं कि बैठक में उनका अपमान किया जाए, और सदन ना चलने दिया जाए। पूछा कि चार साल तक आप लोगों के सहयोग से सबकुछ ठीक चला अब क्या कमी आ गई कि हम बुरे हो गए। ऐसी भी क्या मजबूरी हो गई कि अप लोग सरकार को ही बुरा भला कहने लगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारे दरवाजे अपने सम्मानित सदस्यों के लिए 12 बजे को भी खुला है। आइए हम लोग मिलकर बात करे, और जो कमी है, उसे मिलकर दूर करें। यह भी कहा कि सदन का विरोध करके किसी का भला होने वाला नहीं है। इससे जिले का विकास बाधित होगा। जिले के विकास के लिए यह जरुरी है, कि आपस में मिलजुलकर काम करे, एक दूसरे का सहयोग करे।
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