दवाओं की पर्ची लिख फंस गई ननद और भौजाई, उल्टी गिनती स्टार्ट!

दवाओं की पर्ची लिख फंस गई ननद और भौजाई, उल्टी गिनती स्टार्ट!

दवाओं की पर्ची लिख फंस गई ननद और भौजाई, उल्टी गिनती स्टार्ट!

-सीएमओ के मांगने पर शिकायतकर्त्ता उमेष गोस्वामी ने शपथ-पत्र के साथ ननद और भौजाई के हाथ की लिखी दवाओं की पर्ची को भी उपलब्ध कराया

-शपथ-पत्र में दोनों को नौकरी से बर्खास्त करने और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई

बस्ती। कुदरहा पीएचसी में सविंदा पर तैनात स्टाफ नर्स सुनीता चौधरी और सुमन चौधरी दोनों रिष्ते में ननद और भौजाई है। ननद और भौजाई होना कोई गलत नहीं हैं, लेकिन गलत तब हो जाता है, जब दोनों एमबीबीएस डाक्टर्स बनकर मरीजों को दवाओं की पर्ची लिखती है। अगर यह दोनों मरीज हित में पर्ची लिखती तब भी इनके गलतियों को माफ किया जा सकता, लेकिन जब दोनों अपने हित में हजारों रुपये के नकली दवाएं लिखने लगी तो लोगों की निगाह दोनों तक पहुंची। जिस तरह यह दोनों सिर्फ कमीशन कमाने के लिए गरीब मरीजों को अनावष्यक रुप में दवाएं लिखती थी, उससे इनका सामाजिक अपराध बढ़ गया। बताते हैं, कि पैसे के आगे इन दोनों के भीतर गरीब महिलाओं के लिए कोई भी संवेदनशीलता नहीं रही। एकसा लगता है, कि मानो इन दोनों ने पैसा कमाना ही जीवन का उद्वेष्य बना लिया हो। बहरहाल, जब से यह दोनों मीडिया में आने लगी तब से विभाग भी इन दोनों पर नजर रखने लगा। जिस तरह सीएमओ कार्यालय इसके लेकर गंभीर हुआ, तभी से दोनों की उल्टी गिनती शुरु हो गई। रही सही कसर उमेष गोस्वामी ने एक दिन पहले शपथ-पत्र देकर पूरा कर दिया। अब यह सीएमओ पर पूरी तरह निर्भर हैं, कि वह इस मामले में क्या करते हैं, ईमानदारी दिखाते हैं, या फिर सौदेगाजी करते है। वैसे भी पूरा सीएमओ कार्यालय कार्रवाई करने के बजाए सौदेबाजी करने पर अधिक ध्यान देता है। अगर अन्य की तरह सीएमओ ने सौदेबाजी करने का प्रयास किया तो उनके लिए भी भारी पड़ सकता है, क्यों कि षिकायतकर्त्ता जब तक नहीं चाहेगा कोई सौदेबाजी नहीं कर सकता, अगर किसी ने किया भी तो उसके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। बहरहाल, ननद और भौजाई के खिलाफ कार्रवाई करने के आसार बढ़ गए हैं, एफआईआर के मामले में भले ही सौदेबाजी हो जाए लेकिन कार्रवाई को नहीं रोक सकते।

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