मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में एक दर्जन से अधिक ने दिया इस्तीफा
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 2 January, 2025 20:36
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मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में एक दर्जन से अधिक ने दिया इस्तीफा. इस्तीफा देने की पेशकस करने वालों में बूथ अध्यक्ष से लेकर सेक्टर प्रमुख और बीएलओ तक शामिल
-भाजपा जिलाध्यक्ष को सौपें सामूहिक त्यागपत्र में कहा गया कि नकली ओबीसी को मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में इस्तीफा दे रहें
-कहा कि मंडल में कुछ ऐसे लोग भी है, जो पार्टी का हित नहीं चाहते, वह यह चाहते हैं, कि हम जो कहें और चाहें वही मंडल अध्यक्ष करे, इसी लिए पुराने कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे को अध्यक्ष बना दिया जो मानक ही पूरा नहीं करता
-कहा कि जिन लोगों ने दुर्गेश अग्रहरि को मंडल अध्यक्ष बनाया, उन लोगों ने पार्टी के साथ धोखा किया, ऐसे लोग कभी नहीं चाहते थे, कि पार्टी को कोई ईमानदार मंडल अध्यक्ष मिले
बस्ती। इससे पहले शायद ही पार्टी की इतनी भद्र पिट रही है, जितनी दुर्गेश अग्रहरि का कुदरहा मंडल अध्यक्ष बनाकर पिट रही है। पार्टी से जुड़े निष्ठावान लोग इसे पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं मान रहें हैं, और कह रहे हैं, कि ना जाने क्यों पार्टी के जिम्मेदारों को एक सांसद और चार विधायक के खोने के बाद भी आंख नहीं खुल रही है। उन लोगों की भी आंख नहीं खुल रही है, जो अपनी कुर्सी गवां चुके है। कम से कम अब तो ऐसे लोगों को अपने राजनैतिक भविष्य और पार्टी हित के बारे में सोचना चाहिए, वरना जो कुछ बचा है, वह भी चला जाएगा। ऐसे लोगों को ईमानदारी दिखानी होगी और कार्यकर्त्ताओं एवं नाराज लोगों को यह एहसास कराना होगा कि अब हम सब साथ-साथ है। कभी किसी का नुकसान करके किसी का फायदा नहीं हुआ। नुकसान करने का फल नुकसान के रुप में ही मिलेगा। इतना सबकुछ गवांने के बाद भी अगर इतनी छोटी सी बात किसी के समझ में नहीं आती तो कब आएगी? यह सही है, कि एकजुट होकर ही 2027 जीता जा सकता है। बताते हैं, कि सूची में जो भी गड़बड़ी की गई, वह गड़बड़ी जिले के एक नेता के दखंलदाजी के कारण की गई। वहीं पर एक और नेता के विरोध के चलते पहले वाले नेता की मनमानी नहीं चली। कहा भी जब पार्टी में ही इतना विरोध रहेगा तो चुनाव कैसे कोई जीतेगा।
जिले के भाजपा संगठन के लिए इससे अधिक चिंता की क्या बात होगी, कि एक गलत व्यक्ति को पद देने के विरोध में भाजपा के कार्यकर्त्ता पीएम से लेकर जेपी नडडा तक को पत्र लिख रहे है। वैसे भी भाजपा के षीर्ष नेताओं में बस्ती के नेताओं को लेकर सोच बहुत खराब है। रही सही कसर मंडल अध्यक्ष को बनाकर पूरा हो गया। सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है, क्या आंख बंदकरके मंडल अध्यक्षों की घोषणा की गई, सबको मालूम हैं, कि अग्रहरि वर्ग ओबीसी में नहीं आता, फिर इन लोगों ने आंख बंदकरके सामान्य को ओबीसी बनाकर मंडल अध्यक्ष बना दिया। इसकी जितनी प्रतिक्रिया हुई हैं, उससे पार्टी की छवि बहुत ही खराब हुई, साथ ही उन लोगों की पोल भी खुली है, जो अपने लाभ के लिए नकली को ओबीसी बना दिया। जो बाहरी लोग पार्टी को दांव पर लगाते हैं, वे किसी के भी नहीं होते, पार्टी को भी चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, बात उठ रही है, अगर जिले में पार्टी को जिंदा रखना है, तो पार्टी को नुकसान करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाना होगा, वरना यह लोग अपने लाभ के लिए 2027 को भी गवां देगें।
सामूहिक इस्तीफे की पेशकस करते हुए कहा गया कि हम लोग नकली ओबीसी को मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में इस्तीफा दे रहें, कहा कि मंडल में कुछ ऐसे लोग भी है, जो पार्टी का हित नहीं चाहते, वह यह चाहते हैं, कि हम जो कहें और जो चाहें वही मंडल अध्यक्ष करे, इसी लिए पुराने कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे को अध्यक्ष बना दिया जो मानक ही पूरा नहीं करता, कहा कि जिन लोगों ने दुर्गेष अग्रहरि को मंडल अध्यक्ष बनाया, उन लोगों ने पार्टी के साथ धोखा किया, ऐसे लोग कभी नहीं चाहते थे, कि पार्टी को कोई ईमानदार मंडल अध्यक्ष मिले। कहा कि कुदरहा मंडल में एक ऐसे को मंडल अध्यक्ष बना दियाजो ना तो कभी मंडल कार्यकारिणी में रहा, केवल एक बार सक्रिय रहा। पार्टी के विचारधारा के विपरीत मंडल अध्यक्ष बनाया गया। जबकि संगठन में किसी ईमानदार और खाटी कार्यकर्त्ता होना चाहिए। जिन लोगों ने इस्तीफे की पेशकस की है, उनमें परेवा बूथ अध्यक्ष संजय राजभर, टेंगरिया बूथ अध्यक्ष राम तीरथ, मटियरिया बूथ अध्यक्ष संदीप निषाद, हथियांव द्वितीय रामचंद्र सिंह, सेक्टर प्रमुख सुअरहा मस्तराम राजभर, बूथ अध्यक्ष सुअरहा रामनाथ राजभर, गौसैसीपुर बूथ अध्यक्ष राजाराम गुप्त, बूथ अध्यक्ष हरिष्चंद्र चौधरी, बीएलओ 2 राजेंद्र मौर्य, रमाशकर, सेक्टर प्रमुख जगन्नाथपुर जयप्रकाश सिंह, तिउठा के शेष राम चौधरी और हथियावं के जियाराम चौधरी का नाम शामिल है।मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में एक दर्जन से अधिक ने दिया इस्तीफा. इस्तीफा देने की पेशकस करने वालों में बूथ अध्यक्ष से लेकर सेक्टर प्रमुख और बीएलओ तक शामिल -भाजपा जिलाध्यक्ष को सौपें सामूहिक त्यागपत्र में कहा गया कि नकली ओबीसी को मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में इस्तीफा दे रहें -कहा कि मंडल में कुछ ऐसे लोग भी है, जो पार्टी का हित नहीं चाहते, वह यह चाहते हैं, कि हम जो कहें और चाहें वही मंडल अध्यक्ष करे, इसी लिए पुराने कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे को अध्यक्ष बना दिया जो मानक ही पूरा नहीं करता -कहा कि जिन लोगों ने दुर्गेश अग्रहरि को मंडल अध्यक्ष बनाया, उन लोगों ने पार्टी के साथ धोखा किया, ऐसे लोग कभी नहीं चाहते थे, कि पार्टी को कोई ईमानदार मंडल अध्यक्ष मिले बस्ती। इससे पहले शायद ही पार्टी की इतनी भद्र पिट रही है, जितनी दुर्गेश अग्रहरि का कुदरहा मंडल अध्यक्ष बनाकर पिट रही है। पार्टी से जुड़े निष्ठावान लोग इसे पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं मान रहें हैं, और कह रहे हैं, कि ना जाने क्यों पार्टी के जिम्मेदारों को एक सांसद और चार विधायक के खोने के बाद भी आंख नहीं खुल रही है। उन लोगों की भी आंख नहीं खुल रही है, जो अपनी कुर्सी गवां चुके है। कम से कम अब तो ऐसे लोगों को अपने राजनैतिक भविष्य और पार्टी हित के बारे में सोचना चाहिए, वरना जो कुछ बचा है, वह भी चला जाएगा। ऐसे लोगों को ईमानदारी दिखानी होगी और कार्यकर्त्ताओं एवं नाराज लोगों को यह एहसास कराना होगा कि अब हम सब साथ-साथ है। कभी किसी का नुकसान करके किसी का फायदा नहीं हुआ। नुकसान करने का फल नुकसान के रुप में ही मिलेगा। इतना सबकुछ गवांने के बाद भी अगर इतनी छोटी सी बात किसी के समझ में नहीं आती तो कब आएगी? यह सही है, कि एकजुट होकर ही 2027 जीता जा सकता है। बताते हैं, कि सूची में जो भी गड़बड़ी की गई, वह गड़बड़ी जिले के एक नेता के दखंलदाजी के कारण की गई। वहीं पर एक और नेता के विरोध के चलते पहले वाले नेता की मनमानी नहीं चली। कहा भी जब पार्टी में ही इतना विरोध रहेगा तो चुनाव कैसे कोई जीतेगा। जिले के भाजपा संगठन के लिए इससे अधिक चिंता की क्या बात होगी, कि एक गलत व्यक्ति को पद देने के विरोध में भाजपा के कार्यकर्त्ता पीएम से लेकर जेपी नडडा तक को पत्र लिख रहे है। वैसे भी भाजपा के षीर्ष नेताओं में बस्ती के नेताओं को लेकर सोच बहुत खराब है। रही सही कसर मंडल अध्यक्ष को बनाकर पूरा हो गया। सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है, क्या आंख बंदकरके मंडल अध्यक्षों की घोषणा की गई, सबको मालूम हैं, कि अग्रहरि वर्ग ओबीसी में नहीं आता, फिर इन लोगों ने आंख बंदकरके सामान्य को ओबीसी बनाकर मंडल अध्यक्ष बना दिया। इसकी जितनी प्रतिक्रिया हुई हैं, उससे पार्टी की छवि बहुत ही खराब हुई, साथ ही उन लोगों की पोल भी खुली है, जो अपने लाभ के लिए नकली को ओबीसी बना दिया। जो बाहरी लोग पार्टी को दांव पर लगाते हैं, वे किसी के भी नहीं होते, पार्टी को भी चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, बात उठ रही है, अगर जिले में पार्टी को जिंदा रखना है, तो पार्टी को नुकसान करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाना होगा, वरना यह लोग अपने लाभ के लिए 2027 को भी गवां देगें। सामूहिक इस्तीफे की पेशकस करते हुए कहा गया कि हम लोग नकली ओबीसी को मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में इस्तीफा दे रहें, कहा कि मंडल में कुछ ऐसे लोग भी है, जो पार्टी का हित नहीं चाहते, वह यह चाहते हैं, कि हम जो कहें और जो चाहें वही मंडल अध्यक्ष करे, इसी लिए पुराने कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे को अध्यक्ष बना दिया जो मानक ही पूरा नहीं करता, कहा कि जिन लोगों ने दुर्गेष अग्रहरि को मंडल अध्यक्ष बनाया, उन लोगों ने पार्टी के साथ धोखा किया, ऐसे लोग कभी नहीं चाहते थे, कि पार्टी को कोई ईमानदार मंडल अध्यक्ष मिले। कहा कि कुदरहा मंडल में एक ऐसे को मंडल अध्यक्ष बना दियाजो ना तो कभी मंडल कार्यकारिणी में रहा, केवल एक बार सक्रिय रहा। पार्टी के विचारधारा के विपरीत मंडल अध्यक्ष बनाया गया। जबकि संगठन में किसी ईमानदार और खाटी कार्यकर्त्ता होना चाहिए। जिन लोगों ने इस्तीफे की पेशकस की है, उनमें परेवा बूथ अध्यक्ष संजय राजभर, टेंगरिया बूथ अध्यक्ष राम तीरथ, मटियरिया बूथ अध्यक्ष संदीप निषाद, हथियांव द्वितीय रामचंद्र सिंह, सेक्टर प्रमुख सुअरहा मस्तराम राजभर, बूथ अध्यक्ष सुअरहा रामनाथ राजभर, गौसैसीपुर बूथ अध्यक्ष राजाराम गुप्त, बूथ अध्यक्ष हरिष्चंद्र चौधरी, बीएलओ 2 राजेंद्र मौर्य, रमाशकर, सेक्टर प्रमुख जगन्नाथपुर जयप्रकाश सिंह, तिउठा के शेष राम चौधरी और हथियावं के जियाराम चौधरी का नाम शामिल है।
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