आखिर क्यों नहीं प्रशासन को लगी दारुल उलूम के बड़े जलसे की भनक

आखिर क्यों नहीं प्रशासन को लगी दारुल उलूम के बड़े जलसे की भनक

आखिर क्यों नहीं प्रशासन को लगी दारुल उलूम के बड़े जलसे की भनक

-तीन दिन तक 11 जनपदों के लगभग तीन हजार लोगों के बीच जलसा होता रहा, ना तो मीडिया को और ना ही प्रशासन को हो पाई खबर

-जलसे की अनुमति भी नहीं ली गई, अगर ली गई होती तो वीडियोग्राफी भी पुलिस कराती

-भीड़ इतनी हो गई थी, कि यातायात की कमान दारुल उलूम के मौलाना लोग टोपी और हाथ में डंडा लेकर संभाला

-दारुल उलूम में किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेष वंचित था, मीडिया तक नहीं जाने दिया, पुलिस फोर्स भी रैंडम अंदर गई

-भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राजेंद्रनाथ तिवारी ने सीएम, सीएम, डीएम और एसपी को ट्यूट करके दी जानकारी

-बस्ती पुलिस का अजीबो गरीब जबाव आया, कि कोतवाली प्रभारी को शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गएं

बस्ती। चर्चित दारुल उलूम में तीन दिन तक 11 जनपदों के लगभग चार हजार लोग एकत्रित हुए, जलसा होता रहा है, और इसकी भनक ना तो मीडिया और ना ही प्रशासन को लग पाई। ऐसा लगता है, कि मानो जलसे की अनुमति भी नहीं ली गई होगी, अगर ली गई होती तो पुलिस की ओर वीडियोग्राफी अवष्य कराई जाती है, जलसे की जानकारी इतनी गोपनीय रखी गई कि बगल वाले को भी भनक नहीं लगा। अंदर पुलिस और मीडिया तक को नहीं जाने दिया गया। यातायात की बागडोर स्वंय दारुल उलूम के लोग टोपी पहन और हाथ में डंडा लिए संभालते नजर आए। तीन दिन लोगों को पता चला कि दारुल उलूम में इतना बड़ा जलसा हो गया। जलसे में क्या-क्या हुआ, इसकी विज्ञप्ति भी मौलाना की ओर से जारी नहीं किया, और ना ही जलसे के पहले इसका प्रचार प्रसार ही किया गया। हिंदुत्व के पुरोधा और हिंदु महासंघ, सामाजिक संगठनें, नेता और वाच डाग कहां थे, पता नहीं चला।

प्रशासन बताए कि दारुल उलूम में तीन दिन तक क्या चलता रहा। भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि यह बहुत बड़े खतरें की ओर ईशारा कर रहा है, सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश हो सकती है। वैसे ही इस समय संभल को लेकर तनरव बना हुआ है, ऐसे में इतना बड़ा जलसे का होना किसी अशुभ का संकेत जैसा है। दारुल उलूम में तीन दिन तक मेला लगता हैं, हजारों बाहर के लोग इसमें शामिल होते हैं, और स्थानीय लोगों को इसका पता ही नहीं चलता। जलसे का परमिशन ना लेना इस बात का सबूत हैं, कि सबकुछ गोपनीय तरीके से किया गया, जाहिर सी बात है, इतने बड़े जलसे में भारत विरोधी गतिविधियां भी हुई होगीं, वर्तमान समय से किस तरह निपटना हैं, इसकी भी जानकारी दी गई होगी। मुस्लिम एकता और हिंदु विरोधी पाठ भी पढ़ाया गया होगा। जब इसकी जानकारी भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी ने पीएम, सीएम, डीएम और एसपी को ट्यूट करके जानकारी दी तो एसपी कार्यालय से गैरजिम्मेदाराना जबाव आया कि प्रभारी कोतवाली को कानून व्यवस्था कायम करने के निर्देश दिएं है। जानकारी दी जा रही है, कि जलसे की समाप्ति की और जबाव कानून व्यवस्था का कदया जा रहा है, इससे पता चलता है, कि पुलिस इस जलसे के प्रति कितना गंभीर है। बहरहाल, जलसे की गोपनीयता को लेकर पूरे जिले में चर्चा हो रहा है। जानकारों का कहना है, कि प्रषासन भले ही किसी मदरसे पर नजर ना रखे लेकिन दारुल उलूम की गतिविधियों पर अवष्य नजर रखे। नहीं तो एक छोटी सी चूक प्रषासन के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।

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