सोमवार को उनसे पूछा कि वे युवतियों को संन्यास के तौर-तरीके अपनाने को क्यों कह रहे हैं?

सोमवार को उनसे पूछा कि वे युवतियों को संन्यास के तौर-तरीके अपनाने को क्यों कह रहे हैं?

मद्रास हाई कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु जग्गी वासुदेव से उनकी शिक्षाओं को लेकर सवाल पूछे. मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एसएम सुब्रह्मण्यम और जस्टिस वी शिवागणनम ने एक सुनवाई के दौरान सोमवार को उनसे पूछा कि वे युवतियों को संन्यास के तौर-तरीके अपनाने को क्यों कह रहे हैं? दरअसल कोयंबटूर की एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज की ओर से हाई कोर्ट में हेबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर सुनवाई के दौरान ये सवाल उठाए गए. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी दो पढ़ी-लिखी बेटियों का ब्रेनवॉश कर ईशा फाउंडेशन के योग केंद्र रखा गया है. हालांकि, कथित तौर पर बंदी बनाई गईं दोनों युवतियां 30 सितंबर को मद्रास हाई कोर्ट पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने बेंच से कहा कि वे कोयंबटूर के योग केंद्र में अपनी मर्जी से रह रही हैं और उन्हें किसी ने बंदी नहीं बनाया है.

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