'हम तनाशाह और गैरजिम्मेदार...'
- Posted By: Tejyug News LIVE
- देश
- Updated: 12 October, 2024 20:16
- 195

'हम तनाशाह और गैरजिम्मेदार...' सुप्रीम कोर्ट के जजों पर क्या ये बोल गए CJI चंद्रचूड़, जनता से की खास अपील
नई दिल्ली: जस्टिस या जजों पर अक्सर ‘अनिर्वाचित और गैरजिम्मेदार लोगों की तानाशाही’ कटाक्ष किए जाते रहे हैं. इसे लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, ‘न्यायाधीश, हालांकि न तो निर्वाचित होते हैं और न ही राजनीतिक कार्यपालिका की तरह सीधे लोगों के प्रति जवाबदेह होते हैं, लेकिन वे संसाधनों के समान वितरण और व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक जनादेश से बंधे होते हैं.’ उन्होंने ये बातें गुरुवार को भूटान के थिम्पू में जिग्मे सिंग्ये वांगचुक व्याख्यान देते हुए कही.
आपको बताते चलें कि कोर्ट पर कई मौकों पर ‘तानाशाही’ का आरोप लग चुका है. ऐसे तंज खासकर सुप्रीम कोर्ट पर तो बार-बार उछाला गया. चाहे जब वह यूपीए सरकार की 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लॉकों के अनियमित आवंटन को रद्द किया या फिर भाजपा की एनडीए सरकार की अधिनियमित एनजेएसी (National Judicial Appointments Commission) को खारिज किया हो. भूटान के अपने व्याख्यान में सीजेआई ने कहा कि सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत का सार यह है कि सांसद, न्यायाधीश और सरकारें केवल लोगों के प्रतिनिधि और ट्रस्टी के रूप में संवैधानिक अधिकार रखती हैं.
सीजेआई ने कहा कि लोगों द्वारा सीधे चुने गए जन प्रतिनिधि लोगों के बीच प्राकृतिक संसाधन और अन्य संसाधन वितरित करने का अधिकार रखते हैं. लेकिन, न्यायपालिका की जिम्मेदारी है यह है कि वितरण न्यायसंगत हो और कुछ खास लोगों की मर्जी के अनुसार न हो. हम चुने हुए प्रतिनिधि भले ही नहीं हैं. जनता का भरोसा हम पर सरकार के अन्य अंगों से अलग तरीके से लागू होते हैं.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के चुनाव के विपरीत, न्यायाधीशों की नियुक्ति या उनके निर्णयों को प्रभावित करने में जनता की कोई भूमिका नहीं होती है. उन्होंने कहा कि लोकलुभावन निर्णय न्यायिक स्वतंत्रता के लिए असहज है. फिर भी अदालतों को जनता के भरोसे और वैधता की आवश्यकता होती है.
सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता के लिए जनता का विश्वास महत्वपूर्ण है. जिनका हर फैसला या काम जनता की राय से अलग रहती है. ऐसा कि होना भी चाहिए. फिर भी हमारा अलगाव, जो हमारी स्वतंत्रता का अभिन्न अंग है, हमारे कामकाज में जनता का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यक है.
Comments