हाईकोर्ट ने कहा कलक्टर हैं, कोई शुरवीर नहीं!

हाईकोर्ट ने कहा कलक्टर हैं, कोई शुरवीर नहीं!

हाईकोर्ट ने कहा कलक्टर हैं, कोई शुरवीर नहीं!

-कहा कि कलेक्टर नहीं कर सकते दूसरे विभागों के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई, वह सिर्फ राजस्व कर्मियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई कर सकते

-इस टिपणी से जिलाधिकारियों का मनोबल गिरेगा, फिर कोई भी डीएम आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा, और ना ही वह प्रयास ही करेगाःराजेंद्रनाथ तिवारी

बस्ती। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि डीएम को कार्रवाई करने और जांच कराने का अधिकार सिर्फ राजस्व विभाग के कर्मियों के खिलाफ है। इसका जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्णय में मिली, जिसमें कहा गया कि ब्रिटिश काल से ही जिले में कलक्टर अपनी हुकूमत कायम रखने का दावा करते आ रहे हैं, लेकिन, वह कलक्टर हैं, कोई शुरवीर नहीं, जो स्वतंत्र निगमों या विभागों पर अपना हुक्म चलाए। यह भी कोर्ट ने कहा कि डीएम राजस्व विभाग को छोड़कर किसी अन्य स्वंतत्र विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ जांच कराने एवं निलंबित करने का फरमान नहीं सुना सकते। यह तल्ख टिपणी न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने बलिया के विधुत वितरण खंड द्वितीय में तैनात इलेक्टिशियन दुष्यंत कुमार राय के पिनलंबन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाने और वेतन सहित बहाल करने के साथ सरकार से दो सप्ताह में जवाबी हल्फनामा तलब किया है।

दुष्यंत कुमार राय पर बिलों में हेराफेरी एवं फर्जी केस दर्ज करने की धमकी देकर वसूली करने का आरोप लगा था। आयुश एवं खाध सुरक्षा विभाग के स्वंतत्र प्रभार मंत्री की शिकायत पर बलिया के डीएम ने इसकी जांच सीडीओ से कराई। जांच रिपोर्ट के बाद डीएम के आदेष पर आजमगढ़ के विधुत विभाग के मुख्य अभियंता ने श्री राय को निलंबित कर दिया। इस निलंबन आदेश के विरुद्व दुष्यंत कुमार राय ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां पर ना सिर्फ निलंबन के आदेश पर रोक लगा दी गई, बल्कि उन्हें वेतन सहित बहाल भी करने का आदेश सुना दिया। इस मामले में सबसे खास बात रही, कोर्ट का डीएम के खिलाफ की गई तल्ख टिपणी। हालांकि कोर्ट के द्वारा अनेकों बार डीएम के आदेश का पलटा गया, लेकिन यह पहली बार है, जब हाईकोर्ट ने डीएम के खिलाफ इस तरह की तल्ख टिपणी की हो। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्रनाथ तिवारी का कहना है, कि इस तरह के टिपणी से जिलाधिकारियों का मनोबल गिरेगा, फिर कोई भी डीएम आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा, और ना ही वह प्रयास ही करेगा। आम जनता डीएम के दरबार में इस लिए आती है, वह कलक्टर हैं, और वह कलक्टर से अपेक्षा भी करती है, कि उसकी शिकायत पर डीएम जांच करवाएगें और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी करेंगे। वैसे भी डीएम के जनता दरबार में राजस्व से अधिक अन्य स्वतंत्र एवं अन्य विभागों की शिकायतें आती है। तो क्या जनता मान लें, कि  कलक्टर अन्य विभागों की जांच नहीं करवा सकते हैं, और ना ही कार्रवाई करने के लिए लिख सकते है।

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