बिहार से अजब-गजब मामला! जेल में बंद कैदी ने प्राइवेट पार्ट में डाल लिया लंबा पाइप, इसके बाद जो हुआ वो...

बिहार से अजब-गजब मामला! जेल में बंद कैदी ने प्राइवेट पार्ट में डाल लिया लंबा पाइप, इसके बाद जो हुआ वो...

बिहार से अजब-गजब मामला! जेल में बंद कैदी ने प्राइवेट पार्ट में डाल लिया लंबा पाइप, इसके बाद जो हुआ वो...

गोपालगंज के बरौली थाना क्षेत्र का रहने वाला विचाराधीन कैदी हत्या के प्रयास के मामले में चनावे मंडल कारा में बंद था. अब इस पूरे मामले के बाद इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया है.

बिहार के गोपालगंज जेल में एक घटना को जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. गोपालगंज के चनावे मंडल कारा में एक विचाराधीन कैदी के कारनामे से जेल प्रशासन और डॉक्टरों की टीम भी हैरान है. कैदी ने अपने प्राइवेट पार्ट (मलद्वार) में एक फुट लंबा पाइप डाल लिया. उसकी तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों की टीम ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच (पटना) रेफर कर दिया है.

हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद था कैदी

यह पूरी घटना बीते रविवार की रात में हुई है. कैदी ने अपने मलद्वार में एक पाइप डाल लिया और फिर उसने पाइप को खुद से निकालने की कोशिश भी की. इस दौरान पाइप और भी अंदर की ओर चला गया. जब परेशानी बढ़ने लगी तो उसने मंडल कारा के कर्मियों को इसकी सूचना दी. बताया जाता है कि बरौली थाना क्षेत्र का रहने वाला विचाराधीन कैदी हत्या के प्रयास के मामले में चनावे मंडल कारा में बंद था.

एक्स-रे रिपोर्ट में रीढ़ की हड्डी के पास दिखा पाइप

सोमवार (19 अगस्त) को पूरे दिन मंडल कारा में ही उसका इलाज हुआ. हालत नहीं सुधरी तो फिर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर कैदी का इलाज शुरू कराया. मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक डॉ. विमान केसरी ने बताया कि एक्स-रे रिपोर्ट में साफ नजर आ रहा है कि रीढ़ की हड्डी के पास एक लंबा पाइप के आकार जैसा वस्तु फंसा हुआ है. इसकी लंबाई तकरीबन एक फीट और एक इंच के आसपास मोटा होगा.

डॉक्टर ने कहा कि कैदी ने खुद से पाइप को डाला है. कैदी ने ऐसा क्यों किया, इसके बारे में उसने कुछ नहीं कहा है. बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले एक कैदी ने पकड़े जाने के डर से मोबाइल को ही निगल लिया था जिसे पीएमसीएच रेफर किया गया था. डॉक्टरों की टीम ने बिना ऑपरेशन के लेजर के जरिए मोबाइल को बाहर निकाला था.

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