शुरु हुई डीएम के नाम पर कमीशन लेने की जांच
- Posted By: Tejyug News LIVE
- क्राइम
- Updated: 29 May, 2025 21:54
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शुरु हुई डीएम के नाम पर कमीशन लेने की जांच
-डीएम ने शिकायतकर्त्ता नंदलाल वर्मा को बुलाया, लिया उससे वायरल आडियो
-खुलने वाले हैं, नगर पंचायतों के भ्रष्टाचार की पोल, टेजरी यानि डीएम के नाम पर अब तक करोड़ों कमीशन लिए गए-बढ़ सकती है, नगर पंचायत रुधौली के चेयरमैन धीरसेन और बाबू पटेल की मुसकिलें, बर्खास्ती तक की कार्रवाई हो सकती
-शिकायतकर्त्ता ने कहा कि अगर मै दोषी हूं तो मैं जेल जाने को तैयार हूं, लेकिन अगर चेयरमैन और बाबू दोषी है, तो उन्हें भी जेल भेजा जाए
-अगर इसकी जांच सही दिशा में हुई तो कईयों के चेहरें सामने आ सकते, विधायक पर भी आंच आ सकती
-शिकायतकतर्ता का यह भी दावा है, कि अगर कार्यो की गुणवत्ता की जांच हो जाए तो कई नप जाएगें
-कमीशन का पैसा चेयरमैन के साथ रहने वाले अल्ताफ अहमद नामक व्यक्ति के खाते में ठेकेदार भेजते, इस व्यक्ति ने स्वंय कबूला कि उसके नाम से चार खाते
बस्ती। सवाल उठ रहा है, कि क्यों नहीं नगर पंचायतों के कार्यो की जांच होती, क्यों मासिक बैठक तक ही सिमट जाता है। दावा किया जा रहा है, कि अगर नियमित जांच होती रहती तो आज जो नगर पंचायतों की हालत है, वह कभी न होती, लेकिन यहां पर तो सभी को बखरे से मतलब रहता है। कहा भी जाता है, कि जब साहब लोगों के करीबी ठेकेदार के रुप में काम करने लगेंगे तो फिर जांच कौन और क्यों करेगा? अगर जांच होती तो पटेल जैसे बाबू सड़क पर होते। चुनाव से पहले जो प्रत्याशी ईमानदारी की बाते करतें थे, आज उन्हीं लोगों पर नगर पंचायतों को खोखला करने का आरोप लग रहा है, सबसे अधिक बखरा लेने तक का आरोप लग रहा है। शपथ ग्रहण समारोह में ईमानदारी की कसमें खाने वाले न जाने कैसे और क्यों कुर्सी पर बैठते ही सारी ईमानदारी भूल जाते है? एलबीसी कार्यालय पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगता रहा। एक भी चेयरमैन ने अभी तक रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने प्रस्तुत नहीं किया। इससे पता चलता है, कि दाल काली है। लगता है, कि ईओ और जेई ने बेईमानी करने की कसम खा रखी हो। कहा भी जाता है, कि अगर किसी नगर पंचायत या पालिका का अधिशाषी अधिकारी ईमानदार हो जाए तो चेयरमैनों को पसीना आने लगेगा। ऐसा लगता है, कि मानो जिले में एक तरह से नगर पंचायतों के चेयरमैनों में अधिक से अधिक भ्रष्टाचार करने की प्रतियोगिता हो रही हो। चाहे वह असली हो या नकली एक दूसरे से आगे निकलने के फिराक में रहतें हैं। जिस नगर पंचायत में 70 फीसद बखरा में चला जाता हो, वह नगर पंचायत कैसे माडल बन सकता, कहने तो चाहें कोई कुछ भी कह दें, लेकिन हकीकत यही है, कि सभी लोग चुनाव का पैसा सूद समेत वसूलने में लगे हुएं है।
जिले की जनता को पहली बार पता चला कि टेजरी यानि डीएम के नाम पर दस फीसद कमीशन ठेकेदारों से चेयरमैन और बाबू वसूल रहे है। वसूल तो रहे हैं, यह सही है, लेकिन कितना टेजरी तक पहुंचता हैं, यह जांच का विषय है। शिकायतकर्त्ता का दावा है, कि अगर पटेल और चेयरमैन के खातों की पिछले कार्यकाल और अब तक के कार्यकाल की जांच हो जाए तो पता चलेगा कि करोड़ों रुपया टेजरी के नाम पर लिया गया। गया कि नहीं सह अलग बात है। लेकिन लिया गया। इसका मतलब टेजरी में कमीशन जाने की परम्परा पुरानी है। जब से डीएम के नाम पर दो लाख कमीषन देने का आडियो वायरल हुआ, तभी से जिले भर के लोग अचंभित हैं, उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है, कि डीएम के नाम पर भी कमीशन लिया जा सकता है। इसे लेकर डीएम भी काफी आहत है। लेकिन बार-बार कहा जा रहा है, कि अगर इनके स्थान पर कोई और डीएम होता तो पता नहीं अब तक क्या हो जाता? हालांकि डीएम इसे गंभीरता से ले रहें हैं, जिसकी झलक गुरुवार को दिखाई दी, जब उन्होंने एडीएम से कहा कि शिकायतकर्त्ता को बुलाइए और पूरी छानबीन कीजिए। शिकायतकर्त्ता को बुलाया भी गया, लेकिन जिले से बाहर होने के कारण वह नहीं पहुंच सके, तब उससे आडियो उपलब्ध कराने को कहा गया, जिसे उसने उपलब्ध करा दिया। डीएम को बताया गया, कि शिकायतकर्त्ता को बुलाइए तभी असलियत का पता चलेगा। शिकायतकर्त्ता का कहना है, कि अगर वह गलत साबित होता है, तो उसे जेल भेज दिया जाए, लेकिन अगर चेयरमैन और बाबू गलत है, तो दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। बताया कि उसके उपर शिकायत वापस लेने का बहुत दबाव पड़ रहा है, जान से मारने तक की धमकी दी जा रही है। कहा कि वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगें। क्योंकि उनके साथ चेयरमैन, बाबू, राकेश चौधरी और अजीत नामक ठेकेदार ने धोखा किया। कहा कि काम में मेरा साढ़े दस लाख लगा, जिसमें उन्होंने डीएम के नाम पर एक लाख चेयरमैन और एक लाख बाबू को दिया। जब हिसाब करने की बारी आई तो दो लाख देकर कहा कि बाकी पैसा कमीशन में चला गया। जाहिर सी बात है, कि जिस भी व्यक्ति का साढ़े छह लाख हड़प लिया जाए तो वह तो बागी बनेगा ही। अब सभी लोग कह रहे हैं, कि आओ अपना हिसाब ले जाओ। कहतें हैं, कि जब तक नगर पंचायत रुधौली में पटेल रहेगें तब तक सरकारी धन का दुरुपयोग होता रहेगा। खुलासा करते हुए बताया कि चेयरमैन कमीशन का पैसा अपने खाते में नहीं लेते हैं, बल्कि इनके साथ अल्ताफ अहमद नामक व्यक्ति रहता है, उसके खाते में पैसा मंगाते हैं, इस व्यक्ति का चार खाता हैं, जिसे इसने आडियो में कबूल भी किया है। कहा कि जब उसने थाने में तहरीर दिया तो पंचायत के लिए उसे और राकेश चौधरी एवं ठेकेदार अजीत को बुलाया गया, थाने में ही दोनों नेे एसओ के सामने कहा कि चाहें जहां चले जाओ पैसा नहीं मिलेगा, क्यों कि विधायक को भी कमीशन जाता है? यह वही राकेश चौधरी है, जो विधायक अमर सिंह के वाहन चालक था, बाद में बिचौलिए का काम करने लगा, यानि यही वह व्यक्ति हैं, जो नगर पंचायतों से काम लाने के नाम पर दस फीसद कमीशन लेता है, जिसमें चार-पांच फीसद खर्चा करता और बाकी अपने पास रख लेता।
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