संाउघाट की प्रधानी नकली महिला और नकली पुरुष प्रधान कर रहें!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- क्राइम
- Updated: 22 May, 2025 08:54
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संाउघाट की प्रधानी नकली महिला और नकली पुरुष प्रधान कर रहें!
-गांव वालों ने नकली महिला प्रधान जुबैदा खातून और दिनेश पर लगाया सरकारी धन को लूटने का आरोप
-असली प्रधान जंयती प्रसाद का पता ही नहीं कि उसके नाम पर दोनों नकली प्रधान गांव को लूट रहे
-मनरेगा का काम जब मजदूरों से न कराकर टेक्टर से कराने का विरोध करने वाले दलित हीरालाल पुत्र ज्ञानदास लातों घूंसो से मारा, और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि चमार की जाति हमको रोकने चला, नकली महिला प्रधान अधिक उग्र रही
-हीरालाल ने मुंडेरवा काने पर चोटो का डाक्टरी मुआयना और दोनों नकली प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी
बस्ती। अभी तक आप लोगों ने पुरुष को ही नकली प्रधान के रुप में देखते और सुनते आ रहे है। आज हम आपको एक ही गांव में नकली महिला प्रधान और नकली पुरुष प्रधान के बारे में बताते जा रहे है। नकली महिला प्रधान का नाम जुबैदा खातून और नकली पुरुष प्रधान का नाम दिनेष है। यह दोनों नकली प्रधान ग्राम पंचायत सांउघाट की प्रधानी कर रहे है। गांव वालों का आरोप है, कि इन दोनों ने नकली प्रधानों ने ग्राम पंचायत को लूट रहे है, और जो असली प्रधान जंयती प्रसाद हैं, उन्हें यह तक नहीं मालूम कि दोनों नकली प्रधान उनके नाम पर लूटपाट मचाए हुएं है। अगर कोई इन दोनों के लूटपाट में बाधक बनता है, तो यह लोग उसे मारकर घायल कर देते है। इन दोनों की दंबई के आगे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सोचकर नहीं बोलता कि कौन महिला के हाथों मार खाने जाए। गांव वालों का कहना है, कि गंुडई के बल पर दोनों लगभग चार साल से प्रधानी का मजा लेते हुए तिजोरी भर रहे है। इनकी गुंडई का जब हीरालाल नामक दलित ने विरोध किया तो उसे इतना मारापीटा कि वह घायल हो गया, पुलिस के पास चोटों का डाक्टरी मुआयना करवाने और दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
नकली प्रधानों ने गावों का माहौल खराब करके रख दिया है। चूंकि इन्हें न तो जेल जाने ा डर रहता है, और न प्रधानी जाने का खतरा, इसी लिए यह लोग जितना हो सकता है, उतना गांवों को लूटते है। रही बात सचिव, रोजगार सेवक, टीए और बीडीओ की तो इन लोगों को लूट पाट करने वाले गैंग का सरंक्षक कहा जाता है। तभी तो गांववाले शिकायत करते रह जाते हैं, और कार्रवाई नहीं होती। ग्राम पंचायत साउंघाट में 21 मई 25 को सुबह सात बजे उस समय दलित हीरालाल को मारने पीटने की घटना हुई, जब गांव वाले दातून कर रहे थे। गांवच के पूरब गढ़ही के पास स्थित चकमार्ग को निदेश और जुबैदा खातून नामक दो नकली प्रधान टैक्टर से चकरोड को मनरेगा के तहत जोतवा रहे थे, जब यह काम मनरेगा मजदूरों से करवाना चाहिए था, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। जब इस पर हीरालाल ने आपत्ति जताया तो दोनों मारने के लिए गाली देते हुए दौड़ा लिए पकड़कर मारा-पीटा, और जाति सूचक षब्दों का इस्तेमाल करते हुए जान से मार डालने की धमकी भी दिया, और कहा कि चमार की जाति विरोध करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? यह कोई सिर्फ ग्राम पंचायत साउंघाट का सच नहीं हैं, बल्कि 1185 ग्राम पंचायतों में से 99 फीसद ग्राम पंचायतों का सच है।
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