खोरिया की प्रधान साधना उपाध्याय निकली भ्रष्टाचारी

खोरिया की प्रधान साधना उपाध्याय निकली भ्रष्टाचारी

खोरिया की प्रधान साधना उपाध्याय निकली भ्रष्टाचारी

-15वें वित्त आयोग के तीन परियोजनाओं का लगभग डेढ़ लाख रुपये का भुगतान खुद ले लिया, सरकारी पैसा अपने नीजि खाते में जमा कर लिया

-एक ही तिथि यानि दस जनवरी 25 को साधना उपाध्याय ने पहले राम लाल के घर से गढ़ही तक ढक्क्नदार नाली निर्माण के नाम पर 66162 रुपया अपने खाते में जमा किया, फिर इस प्रोजेक्ट पर तीन लाख 69 हजार 695 रुपये का भुगतान बालाजी कांटक्षन को किया, दोनों भुगतान बिना बिल बाउचर के हुआ

-प्रधान साधना उपाध्याय ने राधेष्याम के घर से बाबूलाल के घर तक नाली ढक्क्न निर्माण के नाम पर 24 सितंबर 24 को अपने खाते में 73345 रुपया और रोहन के घर से रामप्रसाद के घर तक इंटरलाकिगं का 10560 रुपये का भुगतान अपने खाते में किया

-बनकटी के खोरिया में पहली अप्रैल 24 से लेकर 31 मार्च 25 तक 15वें वित्त आयोग का 14 लाख 38 हजार 494 रुपया खर्च हुआ

बस्ती। जिस भी प्रधान या प्रमुख के सिर पर पूर्व सांसद का हाथ रहा, उसने खूब भ्रष्टाचार किया। हालांकि इस भ्रष्टाचार का खामियाजा इन्हें भी भुगतान पड़ा। कहना गलत नहीं होगा कि जिले को भ्रष्टाचार की आग में झोकने का श्रेय पूर्व सांसद को ही जाता है। मीडिया चिल्लाती रही, लेकिन इन्होंने भ्रष्टाचारी प्रधान और प्रमुखों के आगे एक न सुनी, जिन प्रधानों और प्रमुखों पर नाज था, उन्हीं लोगों ने धोखा दिया। भले ही बनकटी ब्लॉक को प्रदेश का नंबर वन भ्रष्टाचार बनाने में इनका हाथ न रहा हो, लेकिन इसी ब्लॉक के पूरे प्रदेष में चर्चित ग्राम पंचायत खोरिया को प्रदेश का सबसे भ्रष्ट पंचायत बनाने में पूर्व सांसद का ही हाथ रहा। एक भी ऐसा प्रधान और प्रमुख नहीं हैं, जिन्होंने विकास के नाम पर पूर्व सांसद का नाम रोषन किया। खोरिया के भ्रष्टाचार का जैसे ही कहीं जिक्र होता है, तो पूर्व सांसद का नाम अवष्य आता है। यहां की प्रधान भले ही साधना उपाध्याय हों, लेकिन इनका नाम उतना लोग नहीं जानते जितना इनके पति का। चूंकि पति का नाम पूर्व सांसद से जुड़ा है। इस लिए इस ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार करने की खुली छूट है। शिकायतें होती रहती है, जांच टीम बनती रहती है, लेकिन आज तक कोई जांच टीम खोरिया तक नहीं गया, यहां तक राज्य टीम भी गांव तक नहीं पहुंच पाई। इस ग्राम पंचायत की प्रधान साधना उपाध्याय शायद जिले की पहली प्रधान होगीं, जिन्होंने 15वें वित्त आयोग से कराए गए तीन परियोजनाओं का भुगतान खुद ले लिया। रिकार्ड गवाह है, कि साधना ने दस जनवरी 25 को साधना उपाध्याय ने पहले राम लाल के घर से गढ़ही तक ढक्क्नदार नाली निर्माण के नाम पर 66162 रुपया, राधेष्याम के घर से बाबूलाल के घर तक नाली ढक्क्न निर्माण के नाम पर 24 सितंबर 24 को 73345 रुपया और रोहन के घर से रामप्रसाद के घर तक इंटरलाकिगं का 10560 रुपये का भुगतान आठ सितंबर 24 को अपने खाते में किया। इतना ही नहीं जिस राम लाल के घर से गढ़ही तक ढक्क्नदार नाली निर्माण के नाम पर 66162 रुपये का भुगतान खुद लिया, उसी परियोजना पर दस जनवरी 25 को तीन लाख 69 हजार 695 रुपये का भुगतान बालाजी कांटक्षन को बिना बिल बाउचर के कर दिया गया। प्रदेश के सबसे अमीर खोरिया ग्राम पंचायत में बनकटी के खोरिया में पहली अप्रैल 24 से लेकर 31 मार्च 25 तक 15वें वित्त आयोग का 14 लाख 38 हजार 494 रुपया खर्च हुआ। मौके पर कितना कार्य हुआ, गुणवत्ता कैसी हैं, का पता जांच के दौरान ही हो सकता है, और इस गांव की जांच होगी नहीं। यह ब्लॉक और खोरिया ग्राम पंचायत लालची नेताओं का जीता जागता उदाहरण है। यही वह ग्राम पंचायत हैं, जहां पर मनरेगा में एक साल में एक विधायक निधि से अधिक खर्च हुआ। फिर भी यह ग्राम पंचायत आजतक तक माडल नहीं बन पाया। इस ग्राम को यहां कह प्रधान ने माडल बनाने पर कम और अधिक से अधिक कमाई करने पर अधिक ध्यान दिया, अगर नहीं दिया होता तो प्रधान सरकारी धन का भुगतान खुद के खाते में न करती। गलती सिर्फ प्रधान की ही नहीं हैं, इस ब्लॉक के बीडीओ, एडीओ पंचायत और सचिव की भी है। अगर इसकी जांच हो जाए तो एडीओ पंचायत, प्रधान और सचिव जेल में नजर आएगें। इन्हें जबाव देना होगा कि आखिर क्यों प्रधान को क्यों भुगतान किया गया?

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *