डाक्टर्स साहब, आपकी जमीनों पर गुंडों-भूमाफियाओं की नजर!

डाक्टर्स साहब, आपकी जमीनों पर गुंडों-भूमाफियाओं की नजर!

डाक्टर्स साहब, आपकी जमीनों पर गुंडों-भूमाफियाओं की नजर!

-डाक्टर एमके सिन्हा के बाद डाक्टर एसी श्रीवास्तव भी हो रहें सौदेबाजी का शिकार

-जिस तरह डा. एमके सिन्हा की जमीन पर सौदेबाजी का खेल हो रहा है, ठीक उसी तरह डा. एसी श्रीवास्तव की जमीन पर बाधा खड़ी करके सौदेबाजी की जा रही

-डाक्टर एसी श्रीवास्तव ने अगुंली क्या पकड़ा दिया पूरा का पूरा हाथ पकड़ने की कर रहे साजिश

बस्ती। जिस तरह टाउन एरिया के डाक्टरों की कीमती जमीनों को हथियाने और सौदेबाजी का खेल गुंडा और भूमामिया किस्म के लोग खेल रहे हैं, उससे पूरा डाक्टर वर्ग परेशान और खौफजदा है। इन्हें हमेशा इस बात का डर सताता रहता है, कि ना जाने कब कोई गुंडा उनकी जमीन पर लावलष्कर लेकर आए और कहे कि यह हमारी जमीन हैं। निर्माण करवाया तो खैर नहीं, पहले तो इस तरह के लोग डरा धमका कर जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, जब उसमें कामयाब नहीं होते तो योेगी के सचिव से फोन करवाकर हड़पना चाहते है। ऐसा लगता है, कि मानों टाउन एरिया के डाक्टरों ने जमीन खरीद कर कोई गुनाह कर दिया हो, पहले जमीन पर पैसा लगाया उसके बाद अपनी ही जमीन को बचाने के लिए गुंडा माफियाओं का सामना करना पड़ता है। हालत यह हो गई कि मरीजों को छोड़कर डाक्टरों कर सारा समय यह बताने में लग रहा है, कि साहब जमीन हमारी हैं, और हमने किसी की भी जमीन पर कब्जा नहीं किया, बल्कि लोग हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते है। चूंकि दबाव उपर के साहब का रहता है, इस लिए नीचे वाले साहब भी हाथ खड़ा कर देते है। कहने का मतलब प्रशासन भी गुंडा और भूमाफियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता, इस तरह का संदेश डाक्टर एमके सिन्हा की जमीन के मामले में मिल चुका है। यानि अगर किसी डाक्टर को अपनी जमीन बचानी है, तो प्रषासन कोई मदद नहीं करेगा, बल्कि डाक्टरों को ही खुद अपनी मदद करनी होगी, और अगर यह सबकुछ हो रहा है, वह भी योगी राज में तो कानून के साथ इससे बड़ा और कोई मजाक हो ही नहीं सकता।

इसी तरह की स्थित का सामना रौतापार के डाक्टर एसी श्रीवास्तव को भी करना पड़ रहा है। इन्होंने तो जनता की भलाई के अपनी छोड़ दी थी, लेकिन बाद यही भलाई इनके लिए बुराई बन गई। यानि अगर साहब साहब ने अगुंली पकड़वाया तो लोगों ने इनका पूरा का पूरा हाथ पकड़ने लगे। कल्पना नर्सिगं होम के गेट के सामने तिकोने पर पर डा. साहब की जमीन हैं, उसी नंबर पर जनक दुलारी की भी जमीन है। मामला जब न्यायालय में पहुंचा तो कमिशनर के पेैमाईष और बहस की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत न्यायालय ने प्रतिवादी यानि जनक दुलारी को तीन धुर जमीन छोड़ने के साथ डाक्टर साहब के पर डिक्री किया। अब जिस जमीन पर न्यायालय ने डाक्टर के पक्ष में डिक्री किया, उसी जमीन को जब डाक्टर उंचा कराने चले तो मोहल्ले के कुछ लोगों ने बिघ्न डालकर सौदेबाजी करना प्रारंभ कर दिया, यानि जिस सौदेबाजी और परेषानी का सामना डाक्टर एमके सिन्हा कर रहे हैं, उसी परेशानी और सौदेबाजी का सामना डाक्टर एसी श्रीवास्तव को भी करना पड़ रहा है। जिस जमीन को उंचा किया जा रहा है, उस जमीन पर डाक्टर ने बीस साल पहले नींव भरवाया था। वर्तमान में इंटरलाकिगं लगने के बाद डाक्टर की जमीन बराबर हो गई।

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