चेयरमैन और बाबू ने डीएम के नाम पर लिया दो लाख कमीशन

चेयरमैन और बाबू ने डीएम के नाम पर लिया दो लाख कमीशन

चेयरमैन और बाबू ने डीएम के नाम पर लिया दो लाख कमीशन

-आडियो में देने और लेने वाला दोनों कबूल रहे हैं, कि डीएम के नाम पर लिया दो लाख

-30 फीसद चेयरमैन और जेई लेते, 20 फीसद सचिवालय से काम लेने पर लिया जाता, 60 फीसद कमीशन में चला गया, तो काम कितने का हुआ

-ठेकेदार को जब भुगतान करने की बारी आई तो कह दिया गया कि पैसा अधिकारियों के कमीशन में चला गया

-थाने में दी गई चेयरमैन धीरसेन निषाद, बाबू पटेल, राकेश चौधरी और अजीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तहरीर

-डीएम को भी सच्चाई से अवगत कराते हुए नंदलाल पुत्र कृष्णचंद्र ने कार्रवाई करने को लगाई गुहार

बस्ती। नगर पंचायत चाहें भाजपा और चाहें सपा शासित हो सभी में धूमकर कमीशनबाजी का खेल हो रहा है। जब चेयरमैन साहबों का मोटी कमीशन से पेट नहीं भरा तो डीएम के नाम पर कमीशन मांगने लगे, अब जरा अंदाजा लगाइए कि किसी नगर पंचायत का चेयरमैन और बाबू अगर डीएम के नाम पर एक-एक लाख का कमीशन मांगता है, तो इसे हम और आप क्या कहेंगे। जब 30-40 फीसद कमीशन चेयरमैन ले लेगें तो फिर उस नगर पंचायत को कौन भ्रष्टाचार से बचा पाएगा? 20 फीसद सचिवालय में काम लाने के नाम पर वसूला जाता, इस तरह अगर एक एक लाख के काम में 60-70 कमीशन में चला जाएगा तो काम की गुणवत्ता कैंसी होगी? इसे आसानी से समझा जा सकता है। मामला रुधौली नगर पंचायत का है। डीएम और थाने को लिखे पत्र में चेयरमैन धीरसेन निषाद, बाबू पटेल, राकेश चौधरी और अजीत के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने के आरोंप में मुकदमा दर्ज करने की मांग ग्राम व्योतहरा थाना पुरानी बस्ती के निवासी नंदलाल पुत्र कृष्ण चंद्र ने आडियों के साथ की है। आडियो में खासबात यह है, कि डीएम के नाम पर पैसा देने वाला और लेने वाला दोनों कबूल रहे हैं, कि 10 फीसद डीएम यानि टेजरी को जाएगा। चेयरमैन ने बताया कि इससे नगर पंचायत से कोई भी लेना देना नहीं हैं, यह मामला पूरी तरह ठेकेदार और उनके नाम पर काम करने वालों के बीच का है। आडियो की बात सेे भी इंकार किया।

लिखे पत्र में कहा गया है, कि राकेश चौधरी एवं अजीत ने नगर पंचायत के वार्ड संख्या नौ में पोखरा के सुंदरीकरण के नाम परी लगभग 30 लाख का ठेका लिया। सारा काम मौखिक रुप से हम ही देख रहे हैं, पैसा भी हमने लगाया। जब 70 फीसद कार्य पूरा हो गया, तो पैसा मांगने पर दो लाख का भुगतान किया गया, जबकि मेरा कुल आठ लाख 62 हजार खर्च हुआ। अवशेष पेमेंट के लिए आनाकानी करने लगे। बताया कि हमसे एक लाख रुपया 18 दिसंबर 24 को टेजरी यालि डीएम के नाम पर राकेश चौधरी ने आनलाइन के जरिए एक लाख लिया, और एडवांस और एक लाख और लिया। दो लाख रुपया राकेश और अजीत ने एडवांस में लिया। जिसकी रिकार्डिगं भी मौजूद है। बाकी पैसा मांगने पर राकेश, अजीत, चेयरमैन धीरसेन निषाद, पंचायत बाबू पटेल बोले कि टेजरी यानि डीएम को एक लाख देना है, एक लाख पटेल और एक लाख राकेश को डीएम के नाम पर दे दिया। जब बकाया मांगा तो सभी ने कहा कि सारा पैसा खत्म हो गया। 30 फीसद चेयरमैन व जेई, 10 फीसद डीएम, 15 फीसद जीएसटी और 10 फीसद सचिवालय से काम लाने के नाम पर पैसा काट लिया। कहा कि दो अप्रैल 25 को इसकी शिकायत रुधौली थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ। कहते हैं, बकाया मांगने पर जान से मारने की धमकी देते हैं, लिखा कि कभी भी इन लोगों के द्वारा मेरे साथ अप्रिय घटना को कारित किया जा सकता है। जिस कंपनी के नाम से टेंडर निकला उसका नाम गोनिल कांस्टक्षन प्रोपराइटर नीलम देवी पत्नी गोपाल अग्रहरि है।

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