50 हजार मांगे और 20 हजार में डील फाइनल, चाय की टपरी पर रिश्वत लेते धरे गए 'दरोगा जी'

50 हजार मांगे और 20 हजार में डील फाइनल, चाय की टपरी पर रिश्वत लेते धरे गए 'दरोगा जी'

50 हजार मांगे और 20 हजार में डील फाइनल, चाय की टपरी पर रिश्वत लेते धरे गए 'दरोगा जी'

Meerut News: भावनपुर थाने में तैनात दरोगा विक्रम सिंह का विवादों से पुराना नाता है. अब्दुल्लापुर के पूर्व पार्षद शौकत अली ने कुछ दिन पहले ही दरोगा विक्रम सिंह की शिकायत एसएसपी विपिन ताडा से की थी.

UP News: मेरठ में थाने के सामने ही रिश्वत लेने की दुकान चल रही थी, सुनकर चौक गए ना लेकिन हकीकत है. मेरठ में एक झूठे मुकदमें से युवक का नाम निकालने के लिए दरोगा जी ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग ली. रिश्वत लेने की जगह भी थाने के सामने ही फाइनल कर दी गई, लेकिन शायद पुलिस दरोगा इस बात से अंजान थे कि वो एक जाल में फंसने जा रहें हैं. जाल भी ऐसा बिछाया गया था कि उससे बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था, क्योंकि ये जाल था एंटी करप्शन का और पुलिस दरोगा उसमें फंस गए. एंटी करप्शन की टीम के हत्थे चढ़ते ही मुंह छिपाने लगे.


यह मामला मेरठ के भावनपुर थाना इलाके के अब्दुल्लापुर का है. यहां रहने वाले इमरान चौहान पर रंजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. मामले की जांच हुई तो पता चला कि जिस दिन वारदात हुई थी वहां इमरान चौहान था ही नहीं. जांच में सच सामने आने के बाद इमरान का नाम मुदकमें से निकाला जाना था. बस यही से इमरान को परेशान किया जाने लगा. आरोप है कि भावनपुर थाने में तैनात दरोगा विक्रम सिंह ने नाम निकालने की एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. इमरान ने मना कर दिया कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं. बात आगे बढ़ते-बढ़ते 20 हजार रुपये तक आ गई और फिर 20 हजार में डील फाइनल हो गई.


इमरान का आरोप है कि लगातार दरोगा विक्रम सिंह उस पर पैसे देने का दबाव बना रहे थे. उसे खूब परेशान किया जा रहा था, कभी उसे थाने बुलाया जाता था तो कभी फोन पर ही परेशान किया जाता था. पीड़ित इमरान चौहान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन में कर दी. दरोगा को रंगे हाथ पकड़ने का पूरा प्लान फाइनल कर लिया गया. 20 हजार रुपये लेकर इमरान थाने के लिए रवाना हो गया. आरोप है कि दरोगा विक्रम सिंह ने थाने के सामने चाय की टपर पर इमरान को बुला लिया. इमरान ने थाने के सामने चाय के खोके पर एप्लीकेशन और 20 हजार रुपये दरोगा विक्रम सिंह को दिए और उन्होंने जैसे ही जेब में रखे बस एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया.

थाने के सामने से चलता था दूसरा थाना 

भावनपुर थाने में तैनात दरोगा विक्रम सिंह का विवादों से पुराना नाता है. अब्दुल्लापुर के पूर्व पार्षद शौकत अली ने कुछ दिन पहले ही दरोगा विक्रम सिंह की शिकायत एसएसपी विपिन ताडा से की थी. आरोप लगाया था कि सट्टा माफिया को संरक्षण दिया जा रहा है। जुआ खेलने और चरस बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं की जाती है. इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई थी. अब अचानक से ये मामला भी सामने आ गया कि 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने दरोगा विक्रम को रंगे हाथ दबोच लिया.

मेरठ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा कराया गया दर्ज 

मेरठ के भावनपुर थाना इलाके से दरोगा विक्रम को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के बाद टीम दरोगा विक्रम सिंह को लेकर सिविल लाइंस थाने पहुंची और यहां एंटी करप्शन की इंस्पेक्टर अर्चना चौधरी की तरफ से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. जिस वक्त आरोपी दरोगा विक्रम सिंह को थाने लाया गया तो वो मुंह छिपा रहा था और फिर अपने मुंह पर रूमाल भी बांध लिया. चर्चा है कि कई बड़ी डील भावनपुर थाने के सामने चाय की टपरी की गई थी. अब इस मामले की भी अब जांच की जा रही है.

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *